एक ईश्वर, एक संसार और एक ही मनुष्य जाति विषय पर कुछ विचार
ओ३म् यह संसार पृथिवी, अग्नि, जल, वायु और आकाश का जीवों के सुख-दुःख के उपयोग की दृष्टि से समुपयुक्त मिश्रित
Read Moreओ३म् यह संसार पृथिवी, अग्नि, जल, वायु और आकाश का जीवों के सुख-दुःख के उपयोग की दृष्टि से समुपयुक्त मिश्रित
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द महाभारतकाल के बाद संसार में वेदों के सर्वाधिक ज्ञानसम्पन्न विद्वान व ऋषि हुए हैं। उन्होंने वेदों वा
Read Moreओ३म् श्रद्धांजलि (मृत्यु : 6 जनवरी, 2016) श्री आर0के0 गुप्ता, एम0डी0, औद्योगिक विकास सेवा प्रा. लि. नई दिल्ली की आईआईपी
Read Moreओ३म् संसार में मनुष्य ही नहीं अपितु समस्त जड़-चेतन जगत क्रियाशील हैं। सृष्टि पंचभौतिक पदार्थों से बनी है जिसकी
Read Moreओ३म् ईश्वर का स्वभाव जीवों के सुख वा फलोभोग के लिए सृष्टि की रचना, पालन व प्रलय करना है। सृष्टि
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द वैदिक विचारधारा के ऋषि, विद्वान, आप्तपुरुष, सन्त, महात्मा सहित देश व समाज के हितैषी अपूर्व महापुरुष थे।
Read Moreहम सब भारत के नागरिक हैं। हमारा देश 15 अगस्त, 1947 को विगत सैकड़ों वर्षों की दासता के बाद स्वतन्त्र
Read Moreओ३म् स्वाध्याय करते समय आज मन में विचार आया कि महर्षि दयानन्द ने गुरु विरजानन्द जी की आज्ञा से
Read Moreओ३म् –नये वर्ष का प्रथम दिन शुभ संकल्प लेने का दिन है- हमें हमारे माता-पिता इस संसार में लाये।
Read Moreओ३म् वर्तमान समय में हमने व हमारे देश ने आंग्ल संवत्सर व वर्ष को अपनाया हुआ है। इस आंग्ल
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