अभिमान
गाँव में हर वर्ष चैत माह के अंत में शिवलिंग में पुआल की कुटिया बनायी जाती है। नौ दिनों तक
Read Moreसंजू कोईरी के पिता हीरा महतो (कोईरी) के पास साढ़े तीन एकड़ जमीन थी। तीन एकड़ जमीन में बरसात के
Read Moreब्रजेश कुमार पन्द्रह-बीस बरस से लकड़ी का व्यापार करता है। पहले दूसरों के टिम्बर में लकड़ी को चीराता और लकड़ी
Read Moreपति-पत्नी भोर चार बजे खाट छोड़ अपने-अपने कामों में लग जाते हैं। घासीराम खेत चला जाता है। पुष्पा घर-आँगन को
Read Moreचम्पा देवी दोपहर को थाली में भात लेकर खाने के वास्ते आँगन निकलती है। थाली में भात कम मांड़ ज्यादा
Read Moreमंगरू की दादी आँगन में खाट पर पड़ी रहती है। किसी का हृदय पसीजा तो खाना खाने के वास्ते बुलाते
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