ग़ज़ल
भीड़ के हर सू रेले हैं फिर भी लोग अकेले हैं तन्हाई से डरना क्या तन्हाई में मेले हैं इंसा
Read Moreतुम्हें जीतना बहुत आसान था पर तुम्हें हारते हुए नहीं देख सकती थी इसलिए चाहते हुए भी कोशिश नही की
Read Moreमैं तुम्हे कैसे बताऊँ कैसे समझाऊँ कि जो कुछ तुम मेरे बारे में सोचते हो वही सब कुछ मेरे अंतर्मन
Read Moreजब प्यार और विश्वास मिल जाते हैं एक जगह तब भी एक झीनी सी रेखा रहती है दोनों के बीच
Read More