Author: नवीन श्रोत्रिय 'उत्कर्ष'

भजन/भावगीत

माँ सरस्वती सामूहिक वंदना

माँ सरस्वती सामूहिक वंदना ———————————– नमस्तुभ्यं माँ आदिशक्ति,नमस्तुभ्यं वागेश्वरी, नमस्तुभ्यं वैकुण्ठ वासिनी,नमस्तुभ्यं माहेश्वरी, जय वाचा जय ईश्वरी,जय महाश्वेता मात, नमन

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कविताकुण्डली/छंद

छंद : मधुशाला

विधान : 16/14=30,अंत 112/22 प्रथम, द्वितीय, व चतुर्थ चरण तुकांत,तृतीय चरण स्वतंत्र   आज सभी जन हुए लालची,छल कुदरत से

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कुण्डली/छंद

कुण्डलियाँ

(बृजभाषा में प्रथम प्रयास) गाड़ी लाडी और की, मन कूँ सदा लुभाय चाहे चोखी आपनी, पर  मन  मानत नाय पर 

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