निज आँचल में फूल सँजोके पर-पथ कांटो से भर डालो और सुनाओ दुनिया वालों । सुनने को दो कान मिले है मन में आए वो कह डालो और सुनाओ दुनिया वालों । सहनशक्ति कितनी मत देखो...
निज आँचल में फूल सँजोके पर-पथ कांटो से भर डालो और सुनाओ दुनिया वालों । सुनने को दो कान मिले है मन में आए वो कह डालो और सुनाओ दुनिया वालों । सहनशक्ति कितनी मत देखो...
बाहर की दुनिया के भय से, खुद पर खूब लगाए पहरे । भीतर घोर उदासी छाई, मुस्कानों से सजाएं चेहरे । शब्दों को जो तोलते हरदम, वो खामोशी क्या समझेंगें । अपनों से अनजान वो यारों,...
ये मन भोला है बड़ा, इस जग से अनजान । बोलो तो पहले करो, भली-भाँति पहचान ।। मन की बातें मत कहो, मन में रखो छुपाय । मतभेदों के अन्त का, है बस यही उपाय ।।...
मैं लाख जतन कर लू फिर भी… निर्मम लोगों के विषैले शब्द-बाण, कहीं ना कहीं इस मासूम हृदय को आहत कर ही देते है. उनके जहरीले बाणों का प्रत्युत्तर देने में असक्षम, जैसे-तैसे हृदय को थामकर,...
स्वयं के स्वार्थ से मतलब, दुआ वो क्या भला जाने फरेबों से लबालब जो, वफा वो क्या भला जाने भले रोए कि फिर तड़पे, नहीं मतलब किसी से कुछ हृदय पत्थर बने जिनके, दया वो क्या...
भरे जो मेघ नैनों के, बरसना भी जरूरी था गिले शिकवे दिलों में थे, गरजना भी जरूरी था सहजता से मिले कुछ तो, कदर उसकी नहीं होती अहमियत एक दूजे की, समझना भी जरूरी था परिचय...
जो खुशी गम के पल आते जाते रहे, कुछ रहे याद कुछ हम भुलाते रहे । नींद रातों की छीनी थी कुछ ख्वाबों ने, खुद जगे ख्वाबों को हम सुलाते रहे । खुद तो भटके थे...
झूठी शान अब हमसे दिखाई नहीं जाती, ये दुनियादारी की रस्में निभाई नहीं जाती । मत डाल इतना बोझ इन कंधो पर खुदा, ये जिम्मेदारियां मुझसे उठाई नहीं जाती । झूठे चेहरे, जज्बात लिए फिरते है...
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