(पृथ्वी दिवस, 22 अप्रैल के उपलक्ष्य में ) इस पृथ्वी पर हो रहे भयंकर प्रदूषण से समस्त जीवों, वनस्पतियों और मानवप्रजाति को भी जो उक्त जैवमण्डल का ही एक अत्यन्त छोटा सा भाग है, को बचाने के लिए हमें अत्यन्त शीघ्र कदम उठाने ही होंगे। हमारे भारतीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पर्यावरण को बचाने हेतु पिछले […]
Author: निर्मल कुमार शर्मा
हीरों से बना पूरा ग्रह !
हमारी दुनिया मतलब केवल हमारी धरती पर स्थित इसका पर्यावरण,मौसम,समुद्र,नदियाँ, पहाड़,रेगिस्तान,झीलें,इस पर उपस्थित लाखों तरह के जीव-जंतु,कीट-पतंगे,परिंदे,तितलियाँ, भौंरे और लाखों अन्य सूक्ष्म जीव-जंतु विचित्रताओं और विस्मित कर देने वाले तरह-तरह के अजूबों से भरे हुए हैं,परन्तु आश्चर्यचकित और हतप्रभ कर देनेवाली रचनाएँ और बिस्मित कर देनेवाली घटनाएं हमारी इस धरती से अरबों-खरबों प्रकाश वर्ष दूर […]
पिता गौरैया और माँ गौरैया के स्वभाव में मूलभूत अन्तरः एक सजग आकलन
हमारे घर में आजकल सैकड़ों गौरैयों के घोसलों में उनके बच्चों की किलकारियां गूँज रहीं हैं। प्रातःकाल सूर्योदय के साथ ही नन्हीं माँ गौरैया अपने बच्चों की परिवरिश करने और सेवा करने में जुट जाती है, यथा उन्हें खाना खिलाना,पानी पिलाना,घोसले की साफ-सफाई करना और उनके मल को अपने चोंच में ले जाकर दूर फेंकना […]
अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की बेकार बैटरी बनाम अंतरिक्ष में भी प्रदूषण !
अभी पिछले दिनों दुनियाभर के समाचार माध्यमों में यह समाचार सुर्खियों में रहा कि अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन मतलब आईएसएस ने अपने एक पुरानी और बेकार हो चुकी 2.9 टन वजन की बैटरी को अपने अंतरिक्ष स्टेशन से बाहर अंतरिक्ष में कूड़े की तरह फेंक दिया है, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी या नासा के विशेषज्ञों के अनुसार […]
हमारी पृथ्वी पर जीवन कैसे आया ? सुलझती गुत्थी
‘ हमारी पृथ्वी पर जीवन कैसे आया ? ‘ यह बहुत ही गूढ़ प्रश्न है और उसका उत्तर पाना उतना ही जटिल भी है। प्रश्न है कि क्या पृथ्वी पर जीवन के लिए जरूरी तत्व पहले से उपलब्ध थे, जिससे इस धरती पर ही प्रारम्भिक या आदिम जीवों की उत्पत्ति हुई या वे सूदूर अंतरिक्ष […]
गौरैया रानी, समस्त पक्षीजगत व जीव जगत के सभी जीव-जन्तुओं की हम मनुष्यों से एक मार्मिक अपील
देखिए ! अब धूप तेज हो गई है। हमें भी भयंकर गर्मियों में जानलेवा प्यास लगती है। पहले हम लोग इस धरती पर कहीं भी,किसी भी प्राकृतिक व मनुष्य निर्मित किसी भी जलश्रोत पर पानी पी लेते थे,यथा नदी के किनारे,तालाब,कुँए के आसपास,बावड़ी,हैंडपंप और किसानों द्वारा खेत की सिंचाई के लिए लगाए गए ट्यूबवेल पर […]
ताकि गौरैया और अन्य पक्षी इस धरती पर बचे रहें
साँसों के स्पंदन से युक्त इस पृथ्वी, इसका जैवमण्डल और इस भूमंडल पर जन्म लेने वाली एक नन्हीं चींटी से लेकर इस जैवमण्डल की सबसे बड़ी स्तनपाई जीव ह्वेल तक को इस धरती पर जीने का उतना ही अधिकार और ह़क है, जितना हम, स्वयं मनुष्य प्रजाति को। मनुष्य प्रजाति को यह कतई अधिकार नहीं […]
हाइपरलूप तकनीक से चलनेवाली ट्रेन हवाई जहाज से भी तेज चलेगी !
हाइपरलूप तकनीक ट्रांसपोर्टेशन का आधुनिकतम् या पाँचवा सबसे आधुनिकतम् ट्रांसपोर्टेशन का सिस्टम या तकनीक है,यह परिवहन व्यवस्था अब तक के परिवहन व्यवस्था में सबसे तेज होगा,इस परिवहन से पर्यावरण पर भी न्यूनतम बुरा असर पड़ेगा। वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि 2040 तक जब दुनिया भर में कारों,ट्रकों और वायुयानों की संख्या दोगुनी हो […]
अंधविश्वास के मामले में यह दुनिया आगे जा रही है या पीछे ?
हम आपको लगभग 5सौ साल पहले की दुनिया में लिए चल रहे हैं,जब उस समय की तत्कालीन दुनिया के अधिकांशतः लोग ईसापूर्व 384 में जन्में अरस्तू के इस सिद्धांत को एकदम सत्य और अटल मानते थे कि ‘पथ्वी इस समस्त ब्रह्मांड के केन्द्र में है। ‘उक्त यह बात उस समय की तत्कालीन जनता के मन-मस्तिष्क […]
ताकि गौरैया और अन्य पक्षी व इस धरती का समस्त जैवमण्डल बचा रहे.
साँसों के स्पंदन से युक्त इस पृथ्वी, इसका जैवमण्डल और इस भूमंडल पर जन्म लेने वाली एक नन्हीं चींटी से लेकर इस जैवमण्डल की सबसे बड़ी स्तनपाई जीव ह्वेल तक को इस धरती पर जीने का उतना ही अधिकार और ह़क है, जितना हम,स्वयं मनुष्य प्रजाति को। मनुष्य प्रजाति को यह कतई अधिकार नहीं है […]