वीराने से एक जंगल में कई सौ साल पुराना बरगद का एक वृक्ष था। उसकी लम्बी-लम्बी लटाएं धरती को छू रही थी। बूढ़े बरगद में अपार शक्ति थी। उसके भयानक रूप को देखकर लोग उसके पास जाने से डरते थे। बरगद भी बहुत अकड़ कर अपनी मूछों पर ताव देता था कि इस जंगल में कोई […]
Author: निशा नंदिनी भारतीय
गीत – अश्रु समन्दर बह जाता है
शब्द गरल पीते ही अश्रु समन्दर बह जाता है। खारा जल कपोल पर ढुलके मन आघात दे जाता है। वाणी की महिमा को समझो हिय तराजू तोल कर बोलो। आखर आखर अर्थ भरा है विष से अमृत मोल बड़ा है शब्दों की अग्नि से झुलसा तन बदन जल जाता है। खारा जल कपोल पर ढुलके […]
ये बनाते हैं हमें जीवंत
मत लगने दो हौसलों में जंग ये बनाते हैं हमें जीवंत। समय-समय पर धार इसमें लगाते रहो। प्रयोग कर इसका इसे जंगहीन बनाते रहो। बनाकर हौंसला ऊंची उड़ान का मत कद देखो आसमान का। मत डर तू किसी मंजर से तू तो सिकंदर है जहान का। मत लगने दो हौसलों में जंग ये बनाते हैं […]
कहानी – माँ के प्रेम का चमत्कार
कुंती के विवाह को चार साल हो चुके थे, पर उसके कोई संतान न थी। उसके ससुराल के लोग उससे बहुत नाराज रहते थे। वह कहती थी कि जब तक भगवान की मर्जी न हो, तब तक कुछ नहीं होता है। दिन बीतते जा रहे थे। सात साल हो गए विवाह को लेकिन गोद नहीं […]
सिर नवा लो प्रभु के धाम।
प्रभु से बड़ा है प्रभु का नाम सिर नवा लो प्रभु के धाम। कोमल किश्ती पार करेंगे हम सबके प्यारे प्रभु राम। मत देखो क्या खोया तुमने सोचो तुमने क्या पाया। इस जगती के हेर-फेर में कितना जीवन व्यर्थ गंवाया। मन-मंदिर की विचार ग्रंथि को अर्पण कर दो प्रभु के नाम। कोमल किश्ती पार करेंगे […]
गीत – बीती जाए उमरिया मेरी
मेरे प्रभु राम जी कब दोगे तुम मुझको दर्शन। बीती जाए उमरिया मेरी तेरा तुझको सब कुछ अर्पण। क्या लाया था क्या ले जाए प्रभु की महिमा कही न जाए। दो कर जोड़ शीश नवा ले प्रभु में अपना ध्यान लगा ले। खिल जायेगा तेरा जीवन झांक ले तू मन के दर्पण । बीती जाए […]
गीत- मन-तिमिर को दूर भगाएं
आओ मिल के दीप जलाएं मन-तिमिर को दूर भगाएं। प्रेम-प्रीति की ज्योति से धरणी का कण-कण महकाएं। पर्व दिवाली का आया खुशियों का सागर लहराया। उल्लासित हो पात-पात धरती-अंबर सब महकाया। जाति-धर्म की तोड़े भीत सबको अपना मीत बनाएं। प्रेम-प्रीति की ज्योति से धरणी का कण-कण महकाएं। देखो दीपों की अवली को चमक रहीं हैं […]
गीत – नीर प्रीति का बरसा दो
गीत गाते गुनगुनाते वेदना को तुम को सुला दो। दीन-अकिंचन के जीवन में नीर प्रीति का बरसा दो। झोंपड़ी में बैठा एक तरस रहा दाने-दाने को दूजा बैठ महल के अंदर ऊब गया उस खाने कोे। सब उसकी ही लीला है उस लीला में जीवन भर दो दीन-अकिंचन के जीवन में नीर प्रीति का बरसा […]
आया चौथ का त्यौहार
मेंहदी लगाओ सखियों आया चौथ का त्यौहार। पी को रिझाओ सखियों आया चौथ का त्यौहार। बिंदिया लगाकर सजधज के बैठूँ चंदा की चांदनी में चेहरा में देखूँ सजना को अपने मनाओ सखियों आया चौथ का त्यौहार। मेंहदी लगाओ सखियों आया चौथ का त्यौहार। पूजा की थाली ले चौखट में झांकूँ प्यारे से चंदा को खुल […]
समय बहुत बलवान
समय बहुत बलवान रे साथी समय बहुत बलवान। आज तेरा तो कल मेरा है समय बहुत बलवान। वक्त की धारा बहती जाए पीछे सब कुछ छूटा जाए। मिथ्या नैया पर तू अपनी ना करना अभिमान। समय बहुत बलवान रे साथी समय बहुत बलवान। समय का पंछी उड़ता जाए दूर गगन में पंख फैलाए। खंडित पंखों […]