परिस्थितियां
चेहरे पर कई घाव देखे मैंने परिस्थितियों के अक्सर जिंदगियां मुस्कुराना छोड़ देती हैं मजबूरियां जब कंधे पर आ बैठती
Read Moreचेहरे पर कई घाव देखे मैंने परिस्थितियों के अक्सर जिंदगियां मुस्कुराना छोड़ देती हैं मजबूरियां जब कंधे पर आ बैठती
Read Moreअरे यार!!!श दिल्ली में आजकल गंदगी बहुत हो गई है, जहां पर देखो गंदगी के ढेर लगे रहते हैं और
Read Moreना बांधो मुझे बंदिशों में मुझे आवारा रहने दो परे रखो साजिशों को मुझे आवारा रहने दो मुझे आवारा रहने
Read Moreआज चलो तुम मेरे साथ लेके हाथों में हाथ आशा रहती है नदियां के पार बैठो कश्ती में और खेओ
Read Moreहर बार किसी तस्वीर को माध्यम बनाकर नहीं लिखा जा सकता कुछ कुछ ऐसे ही प्रतिबिंब और तस्वीरें रहती हैं
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