गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 04/04/2022 ग़ज़ल चांद जब ठहर गया तो चांदनी बिखर गई आसमां की गोद से ज़मीन पर उतर गई। सरहदें ना पूछिए हमसे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 19/03/2022 ग़ज़ल गवार हूं मेरा दर्द कुछ खास नहीं होता शीसा चुभे य कांटा मुझे अहसास नहीं होता। जब भी लगी ठोकर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 03/02/2022 ग़ज़ल एक अरसा हुआ दिल दुखाए हुए ज़ख्मी दिल पर मरहम लगाए हुए। डूब जाने दे मांझी मेरी नाव को हम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 13/01/2022 ग़ज़ल दुआओं में अपनी असर ढूंढते हैं तुम्हें आजकल दर बदर ढूंढते हैं। मिलादे मुझे तुम तक जो पहुंचे कि शहर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 02/12/2021 ग़ज़ल अपनी आंखों पे चश्मा लगाया करो नज़र हम से यूं ना मिलाया करो। हम हो जाते हैं खुद से बेखबर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 06/11/2021 ग़ज़ल ये क्या हुआ के याद भी आई नहीं मेरी क्या चाहत ए मोहब्बत भाई नहीं मेरी। ख़ामोश यूं हुए के Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 08/10/2021 ग़ज़ल नुकसान बहुत हो गया है तेरे प्यार में मेरा चैन और करार गया इंतजार में। चल रही के थम गई Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 04/09/2021 ग़ज़ल तनहा अकेले हमसे कटता नहीं सफर हर ओर ढूंढती हैं तुझको मेरी नज़र। बिछड़े भी नहीं और जुदा तुम से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 25/08/2021 ग़ज़ल यूं मोहब्बत में हमसे इबादत हुई वो इंसान था और खुदा हो गया। रूह छूने का उसमें हुनर आ गया Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 03/07/2021 ग़ज़ल अभी-अभी तो मैंने होश को संभाला है कि पहली बार कदम घर से निकाला है। बड़ी ही धुंधली थी तस्वीर Read More