गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 05/01/202005/01/2020 ग़ज़ल हंसती हुई आंखों के सीने में समंदर है ये राज किसे मालूम है गम दिल के अंदर है। तनमन जिसपे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 17/12/2019 ग़ज़ल मत तोड़ दिलों के बंधन को फिर जाने कब यह प्रीत मिले जाने कितने युग की दुआ से फिर ये Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 06/12/2019 ग़ज़ल कैसे कहूं कि तुमसे मुझे कितना प्यार है पल पल तुम्हारी खातिर दिल बेकरार है। धड़कन ठहर रही है जीना Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 15/11/2019 ग़ज़ल पतझड़ में भी प्यार की बहार ढूंढ लेंगे हम बेचैनियों के शहर में करार ढूंढ लेंगे। तू लाख बचा दामन Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 12/10/2019 ग़ज़ल क्यों इश्क में जलते हो परेशान हो बहुत लगता है दिल्लगी से अनजान हो बहुत। न चल सकेंगे साथ तेरे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 07/09/2019 ग़ज़ल जी चाहता है आप का दीदार हो जाए लब ना हिलें इश्क का इजहार हो जाए। मासूम सी चाहत तेरे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 28/08/2019 ग़ज़ल तेरी आंखों का आईना तलाश करती हूं तू ना जाने मैं इन्हें देखकर संवरती हूं। तू मेरी सांस में सुर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 28/08/2019 ग़ज़ल कभी गर वक्त आया तो कलम तलवार कर देंगे कोयल से सुरों में हम सुनो अंगार भर देंगे। झुकाते हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 28/07/2019 ग़ज़ल वो दर्द देने में भी करते हैं किफायत अब तो जान लेकर ही वो करते हैं रियायत अब तो। बड़ी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 06/06/201906/06/2019 ग़ज़ल कल्पना से मेंरी तस्वीर बनाने वाले तूने देखा है कब मुझको सजाने वाले । रंग कितने मोहब्बत के भर दिए Read More