ग़ज़ल
उठाए हैं कदम तो हम सहारा ढूंढ ही लेंगे इन तपती निगाहों का नज़ारा ढूंढ ही लेंगे। लहरों में समंदर
Read Moreवो पहले मिलन की हमको हर बात याद है हम तुम कहां मिले जगह दिन रात याद है। भूले नहीं
Read Moreआसमां हमको हासिल हुआ ना कभी ना ही कदमों तले अब जमी रह गई। जाने क्या बात थी कह ना
Read More