लघुकथा

लघुकथा – नज़र

कोई दस दिन पहले एक सुबह ही अनु का मेसेज मिला “दी,अंश इज़  नो मोर ” स्तब्ध तो हुई,पर  दुःख नहीं  हुआ ! ऐसा तो पहले कभी हुआ कि किसी की मौत की खबर पर मुझे तसल्ली हुई हो ! अंश का भोला पर निर्विकार चेहरा याद आ गया ! सच तो यह है कि मैं अपने पड़ौसी […]

लघुकथा

प्रबंध

पंडित किशोरीलाल ने घर में कदम रखा ही था कि  बेटी कम्मो पानी का गिलास ले आयी, तिपाई पर रख कर चाय बनाने टीन की नाममात्र की रसोईनुमा ओटक में घुस गयी ! पानी पीकर दम भी नहीं ले पाए थे कि पंडिताइन ने धोती की छोर से पत्र निकाल कर पकड़ा दिया ! पत्र […]

लघुकथा

लघुकथा : डिजिटल प्रेम

” विधि , प्रसून जी इसी बार पुस्तक मेले में दिल्ली आएंगे ! तुम आ रही हो ना मिलने ?” रिसीवर पकडे जड़ सी हो गयी विधि ! यह संध्या को क्या प्रसून ने सब कुछ बतला दिया ? ” बोलो ना विधि ? तुम आ रही हो ना ? ” संध्या शायद फोन पर […]

लघुकथा

लघुकथा : स्वाभिमान (ढीली पगड़ी)

घर में अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ था !शाम जब से पिताजी ने पांडे जी से फोन पर बात की तभी से पिताजी बेचैन और माँ उदास दिखीं ! मीनू दी को शायद वजह पता चल चुकी थी,उनकी तरफ इना ने प्रश्नवाचक नज़रों से देख जानना चाहा तो दीदी नज़रें चुरा आंसू पोंछ रही थीं […]

लघुकथा

यह मेरा घर

”सुलू,मेरी नीली शर्ट कहाँ रखी है ?”बाथरूम से निकलते हुए राज माहेश्वरी ने पत्नी को आवाज़ लगायी और ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े बाल काढ़ने लगे ! “बेड पर देखिये आपकी शर्ट,ट्राउज़र,पर्स,मोबाईल और रुमाल सब वहीँ रखें हैं !”आलू का परांठा तवे पर पलटते हुए रसोई से ही सुलोचना ने जवाब दिया ! तब तक […]

लघुकथा

नीम की दातुन

माही ने सारे छोटे गमले ट्रक में सामान के साथ लडवा कर नए फ्लेट की बालकनी में रखवाने को भेज दिए थे ! एक बार अपनी बगिया को बड़े ममत्व से निहारा मानो बगिया की हरितिमा को आँखों से घूँट-घूँट पी रही हो ! फिर बगिया के साथ अपनी और अपनी सात वर्षीया पोती इना […]

लघुकथा

लघुकथा : समाधान

सुबह रमा देर से उठी, आधी रात के बाद तो आँख लगी थी ! रात अपनी बारहवीं में पढने वाली बेटी को फोन पर किसी लड़के से बात करते सुना था तभी से मन चिंताओं से घिर गया था ! उठते ही फिर समाधान खोजने बैठ गयी डांटने से तो बेटी विद्रोही हो गलत कदम उठा […]

लघुकथा

लघुकथा : बंधन

मनु ने अश्रुपूरित नयनो से खुद के लिखे पत्र को दुबारा पढ़ा और पेपरवेट से दबा कर रवि की मेज पर इस तरह रखा कि रवि के कमरे में घुसते ही पत्र पर नज़र पड़े !कल कुछ ज्यादा ही कहासुनी हो गयी थी दोनों में और रवि ने ऑफिस की झुंझलाहट उस पर निकली उसका […]

लघुकथा

लघुकथा : जुगाड़

न्यू जर्सी के एयरपोर्ट पर लेने आई मिशी को देखते ही वसुधा को अपनी ननद इना की चतुराई का भान हो गया था क्यों की मिशी गर्भवती दिखाई दे रही थी वो भी लगभग पूरे दिन की ! वसुधा को आज अपनी सरलता पर गुस्सा आ रहा था ! उसे तो उसी दिन खटका लगा […]

सामाजिक

परवरिश

कल एक परिचित मिलने आये, कुशलक्षेम पूछने पर अपने बच्चों के बारे में बताने लगे ! बात-बात में बताने लगे, “अपने मंझले बेटे की पढाई पर विशेष ध्यान देता हूँ क्योंकि वो पढ़ने में बहुत तेज है वो आई आई टी में अवश्य सलेक्ट होगा।” बड़े की बात चलने पर बोले,”वो सामान्य बुद्धि का है,उसे […]