तनहाईयों से बातें
तनहाईयो में बैठ के, बातें करो कभी। ख़लवत में खुद से भी, मुलाकातें करो कभी। देखो तो कभी गौर से,
Read Moreतनहाईयो में बैठ के, बातें करो कभी। ख़लवत में खुद से भी, मुलाकातें करो कभी। देखो तो कभी गौर से,
Read Moreघुला मौसम-ए-रंग बसंती बसंती, उसपे हवाओं की ये शोख मस्ती, खुदा की कसम ये हसीं यूं न होती, अगर इसमें
Read Moreयूंही कुछ बात हो सितारों से गुम शुदा हो गई बहारों से शबनर्मी सहर में कभी आओं खुल के दीदार
Read Moreसुरमई शाम की आंखों में, कुछ नमी सी है। आज मौसम के ईरादों में, कुछ कमी सी है। चांद भी
Read Moreपरदेसी मुसाफिर तेरा कहां ठिकाना परदेस हुआ अपना देस हुआ बेगाना बिन तेरे सूना है आंगन सूना है गलियारा रंग
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