मान लो आज
मान लो आज दिल की बात चले आओ तुम बहके बहके से हैं जज़्बात चले आओ तुम ज़र्रा ज़र्रा है
Read Moreतू न आया मौसमेँ गुल फिर से आ गया यादों का नशा फिर से मेंरे दिल पे छा गया कलियों
Read Moreगुनगुनाती हैं हवाएं तुम आओ तो सही दे रहा दिल भी सदाएं तुम आओ तो सही बहरे हस्ती में चलो
Read Moreदौर ए तनहाईयों में कोई सहारा होता दीवारें बोलती और ज़िक्र तुम्हारा होता उदासियों का है आलम शबे तनहाई में
Read Moreसदियां बीत गई तब समय ने ये दिन दिखलाया जन्म भूमि के प्रांगण में फिर राम लौट के आया यूं
Read Moreमौसम-ए-इश्क है, उसपे ये बरसता सावन। आभी जाओ के है, मिलने को तरसता सावन। छुप गया चाँद, घटाओं के शोख
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