लंबे समय से कागज काला करता आ रहा हूं।लेकिन एक भी वैसा पुरस्कार,जिसमें सम्मानजनक राशि,प्रशस्ति पत्र व आकर्षक मोमेंटो शामिल हो, ऐसा अवसरआज तक नहीं मिला कंबख्त।छोटे-मोटे पुरस्कार तो अक्सर स्थानीय स्तर पर मिल ही जाते हैं जिससे क्षेत्र में जहां लंबे समय से सांप की तरह कुंडली मारकर बैठे आए हो वहां इस तरह […]
Author: राजेंद्र कुमार सिंह
लिली आरकेड, फलैट नं..101,
वडाला पाथरडीह रोड,मेट्रो जोन
महाजन हास्पिटल के सामने
नाशिक---422009
ईमल... [email protected]
मास्क लगाकर सोते हैं
हमारे एक मित्र, बडे ही विचित्र. कोरोना को लेकर इतना सतर्क उनमें और आम आदमी में बहुत है फर्क. यही कारण है कोई भी आदमी नहीं कर सकता उनसे तर्क-वितर्क. कोई भी भूल से किया जिरह कि, निश्चित होना है उसका बेडा गर्क! कलियुग के इस कोरोना काल में डरे-सहमे रहते इस विषय पर कुछ […]
पुश्तों से चली आ रही कोल्हा
गांव के जमीन पर लहलहाती स्नेहयुक्त वातावरण पर न जाने किस मनहूस ने विष का प्याला धर दिया था.जिसके आगोश मे आकर पनप रहा भाईचारे का पौधा शनै-शनै झुलसने लगा था.आए दिन जाति-पाति, वर्ण-व्यवस्था, झगडा-फसाद को लेकर गांव अब शनै-शनै घमासान कोहराम का केंद्र बनता जा रहा था. मैं उन दिनों बी.ए.का विद्यार्थी था. गांव […]