कहानी

होली के रंग

  अमर चौबीस वर्षीय मस्त मौला गबरू जवान है। लंबी कदकाठी व कसरती काया के साथ शहरी रहन सहन का सलीका व शालीन व्यवहार उसकी छवि को और प्रभावशाली बनाते हैं। जो भी उससे कुछ समय बात कर लेता उसकी वाक्पटुता व उसकी समझदारी से प्रभावित हुए बिना नहीं रहता। उसके पिताजी कई साल पहले […]

लघुकथा

हथियार

प्रौढ़ साक्षरता अभियान के तहत कस्बे में शुरू की गई रात्रि पाठशाला में आई कुछ प्रौढ़ महिलाएं शिक्षा ग्रहण कर रही थीं। कक्षा अध्यापिका श्रीमती गीता जी ने मानव सभ्यता के क्रमिक विकास के बारे में महिलाओं को समझाते हुए कहा, “जैसा कि हम जानते हैं, आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है। मानव सभ्यता के […]

लघुकथा

आलिंगन दिवस

“का है रे छुटकी ? सबेरे सबेरे काहें बछिया के पीछे पड़ी है ?” “अरे अम्मा ! हम सुने हैं कि आज शहर मां गाय का आलिंगन दिवस मनाया जानेवाला है। एही खातिर हम बछिया को पकड़ रहे हैं कि इसको लेकर पास के शहर मां चले जाएँगे।” “अरे तो इससे का होगा ? हमरी […]

कविता

बहुमत

बहुमत ——— पंचतंत्र में लोकतंत्र की कथा कहूँ मैं सुन लो आज बहुमत कैसे खेल है करता करता है यह कैसे  काज सुंदरवन में एक उल्लू था दिन भर सोता रहता था रात मचाता धमा चौकड़ी कर शिकार खुश होता था चाँद सितारे नजर थे आते सूरज से अंजान ही था पर खुद को ज्ञानी […]

कविता

जन जन की भाषा है हिंदी

जन जन की भाषा है हिंदी हर मन की आशा है हिंदी शब्दों का भंडार बड़ा है अद्भुत ज्ञान से भरा घड़ा है देश के जन जन को ये जोड़े हर कोई इसके साथ खड़ा है व्यंजन छत्तीस बारह स्वर से हुई बड़ी समृद्ध है हिंदी जन जन की भाषा है हिंदी हर मन की […]

लघुकथा

मुफ्त का भोजन

आज शेठ ब्रिजलाल के बेटी की शादी थी। पूरा शहर मानो शेठ जी की इस खुशी में शामिल होने के लिए आ गया था। हजारों अन्य लोगों के साथ अमर और रजनी भी इस शादी में आमंत्रित थे। शेठ जी ने अपनी ख्याति के अनुरूप ही बड़ा भव्य पंडाल बनवाया था, जिसमें एक तरफ लग्न […]

लघुकथा

प्रखर ज्योत

मास्टर रामकिशुन काफी तमतमाए हुए तेज तेज कदमों से स्कूल प्रांगण में मुख्याध्यापक के कक्ष की ओर बढ़ रहे थे कि तभी उनके कड़े तेवर को देख उनके सहशिक्षक गुप्ताजी ने उन्हें आवाज लगाई, “अरे शर्माजी, कोई बात हुई क्या ? बड़े रोष में लग रहे हो।” “हाँ, अपना त्यागपत्र सौंपने जा रहा हूँ, मुख्याध्यापक […]

लघुकथा

सौगात

  विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की कार हिंदुस्तानी जमीन पर धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी। शहर के दोनों तरफ तने सफेद कपड़ों की दीवार देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ। उन्होंने अपने सहयोगी से पूछा, “आखिर इन सफेद दीवारों के पीछे ऐसा क्या है जो यहाँ का प्रशासन हमें दिखाना नहीं चाहता ?” “सर ! इन दीवारों के […]

लघुकथा

जमीर

“ये कैसी रिपोर्ट तैयार की है तुमने यादव जी ? विपक्ष से कोई सवाल नहीं, उल्टे सरकार को ही घेर लिया है। तुम्हारी  यह रिपोर्ट दिखाकर हम मंत्री जी से पंगा नहीं ले सकते। जाओ, और इसे और सुधार कर ले आओ।” लैपटॉप बंद करते हुए चैनल के एडिटर ने रिपोर्टर को डाँट पिलाई। “तस्वीरों को […]

लघुकथा

दर्द

“मम्मी.इ ..” गोलू जोर से चीखा। “क्या हुआ बेटा ?” उसकी चीख सुनकर नैना तड़प कर उसके कमरे में भागी आई। “मम्मी..ये देखो न, मेरी उँगली कट गई। बड़े जोरों का दर्द हो रहा है।” “कैसे कट गई तुम्हारी उँगली ?…अरे, ये तो बहुत खून बह रहा है।” उसकी माँ अधीरता से प्रथमोपचार की पेटी […]