– तुलसी हमको बचपन से प्यारी तुलसी इस युग में है अवतारी तुलसी हर घर जन लगी दुलारी तुलसी | गमला धरती सब प्यारी तुलसी कार्तिक पूजन तैयारी तुलसी हर नारी पूजन वारी तुलसी | हर...
अभी कुछ साल पहले मेरी नन्द की बेटी की शादी फिरोजपुर जाकर करनी पड़ी |नन्द-नन्दोई इंतजाम के लिये पहले चले गये|हम नानका मेल और उनकी दो बेटियां और दामाद साथ थे| रास्ते भर गाडियों में बैठे...
श्रद्धा अपनी सहेलियों के साथ ट्रेन में परीक्षाके बाद विवाह के लिये घर आ रही थी| दोनों सहेलियों के साथ श्रदा अपनी बर्थ पर बैठी थकी सोने की तैयारी व्यस्त लगी| जब श्रदा को हिलते देखा...
कभी राह दुर्गम धोखा सा बनाती है भर पथ में पाहन खड्डे से बताती है. मिला जो वाट हर पल बैरी डराते है उसकी चालें अपनों में अंकुश सुनाती है. जिसे कुदरत सिखाती है जमी का...
कविता जीवन जलधाराओं सा चलता हो जाये हर पहलू सा हर्ष सा खिलता हो जाये | भीगू जल में बरसते कितना तपन हो मन समर्थता लिये हल मिलता हो जाये| नाचू कथकली थिरकते से लिये कदमो...
हर्ष और मीता विवाह के बाद हनीमून पर घूमने अपनी कार में शिमला जा रहे थे| दोनों बहुत खुश मुड में गुनगुनाते और मुस्कराते जा रहे थे| हर्ष को जम्हाई सी आने लगी बोला, “कुछ खा...
गज़ल १२२ १२२ १२२ १२२ खिलाफत लगी यूँ कि उलझा रही है गुलो में सियासत घुली ज़ा रही है. सियासत लियाकत कही भा रही है सियासत में नफरत उकसा रही है. लगी जिन्दगी रोष सी ज़ा...
दिखाई दिए यूँ कि बेख़ुद किया 🌀वज़्न–122 122 122 12 बढाओ न तुम इतनी भी दूरियाँ कि आने लगे याद में सिसकियाँ. रहो दूर चाहत लिखे चिट्ठियाँ हुई जो कमी माफ गलतियाँ. उदासी भरी मोसमी...
जो चादर देख पाँव पसारते, जरूरतो में कभी न हारते . न मुश्किल में हाथ पसारते , न रिश्तों में कभी धन तलाशते. बिना सोचे जो करते खर्चा , उनका बिलो का घना पर्चा . मेहनत...
माँ 2122 1212 22 हर मुसीबत समय खड़ी है माँ आह सुन गम लगा बढ़ी है माँ| चेहरा झलक नूर छाया सा चाँद सूरज सी रौशनी है माँ | तू भवानी सदा निभानी है शष्ट मिली...
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