गज़ल
लगाये पंख सपनों से गगन की हूर होती है चले जब वक़्त का चाबुक वही बेनूर होती है दिखे किरदार
Read Moreहेमा अपने पति के साथ लेटी नींद न आने के कारण दीवार की दरार को देख रही थी| ये दरार
Read Moreलघुकथा “छबीस जनवरी” “गुरमीत, तुमने सारा समान खरीद लिया, लड़कियों के मेक-अप और कुंदन सैट बगैरा,” तरु ने पूछा| नहीं
Read Moreमेवाड़ के भावी शासक सहायक पन्ना पुत्र का बलिदान किया। पन्नाधाय ने अपनी ममता, स्नेह, रियात को कुर्वान किया। देहांत
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