पीड़ा में प्रकृति का मन
छिन्न भिन्न कर डाला उसको प्रकृति के भींगे है नयन तभी कोरोना तभी अधियाँ आफत आई है ये गहन मिली
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Read Moreप्रेम, दया, करुणा रखने का तुम कैसा पाठ पढ़ाते हो या फिर आत्म क़सीदे गढ़के खुद को श्रेष्ठ बताते हो
Read Moreबन्द रहेंगे मंदिर – मस्जिद , खुली रहेंगी मधुशाला। गांधी जी के देश मे देखो, क्या होता है गोपाला । हर जगहा
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