Author: ऋता शेखर 'मधु'

भाषा-साहित्य

हिन्दी समालोचना: उद्भव, विकास तथा स्वरूप’

आलोचना या समालोचना किसी वस्तु/विषय की, उसके लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, उसके गुण-दोषों एवं उपयुक्ततता का विवेचन करने

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