Author: *डॉ. रूपचन्द शास्त्री 'मयंक'

गीत/नवगीत

“केवल यादें बची, परिन्दे किधर गये”

गीत “केवल यादें बची, परिन्दे किधर गये”—उजड़ गया वो बाग, माली गुजर गये।केवल यादें बची, परिन्दे किधर गये।।—कहाँ गये वो

Read More
गीत/नवगीत

“नजरबन्द हो गयी देश में अपनी प्यारी खादी है”

गीत “नजरबन्द हो गयी देश में अपनी प्यारी खादी है”—गर्मी-सर्दी दोनों में, सुख देती अपनी खादी हैखादी के ही साथ

Read More
गीत/नवगीत

गीत “काँटों की पहरेदारी”

जब-जब आती मस्त बयारें,तब-तब हम लहराते हैं।काँटों की पहरेदारी में,गीत खुशी के गाते हैं।।—हमसे ही अनुराग-प्यार है,हमसे मधुमास जुड़ा,हम संवाहक

Read More
गीत/नवगीत

गीत “आँधियों में दीप अब कैसे जलेगा”

गीत “आँधियों में दीप अब कैसे जलेगा”—रौशनी का सिलसिला कैसे चलेगा?आँधियों में दीप अब कैसे जलेगा?—कामनाओं का प्रबल सैलाब जब

Read More