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Author: सचिन परदेशी
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वो इंसान हो सकता है
अँधेरे में जो साथ छोड़ दे , वो साया होता है , ख्वाब नहीं । कच्चे धागे सा जो टूट जाए , वो रिश्ता होता है , रिवाज नहीं । पल पल में ढल जाए वो समय हो सकता है अतीत नहीं । किसी गम से गुम हो जाए वो हंसी होती है मुस्कान नहीं […]
तो कोई गम न होता
वो ख़फ़ा नहीं है हमसे होते तो कोई गम न था वो बेवफा नहीं हमसे होते तो कोई गम न था वो बेरुखी न थी उनकी होती तो कोई गम न था वो बेदिली न थी उनकी होती तो कोई गम न था वो दूर न थे कभी हमसे होते तो कोई गम न था […]
कविता : जीने का मज़ा
यूँ हर मोड़ को जीने का मजा तेरे साथ भी लेते तो तेरी बेरुखी के सहारे न खोते ये तो मेरे आंसुओं की शक्ल है इसे कविता न समझिये पूरी होने से पहले बह जाएंगे यूं दिल की गुस्ताखियों की सजा लफ्जों को देते तो किसी कागज़ पे न लिख पाते ये तो मेरे बेबस […]
कहानी : गीली रज़ाई
सर्दी का मौसम ! कानो को सन्न करती सर्द हवाएं !! अति शीतल जल ! एक दुसरे का दामन छोड़ने को डरती पलकें ! पेड़ों कि जड़ों की भाँती ऊष्मा धुंडने को मचलती हाथों की उंगलियाँ ! रह रह कर भूकंप सी कांपती टाँगे जमीं पर टिकने से बार बार मना कर दे रही थी […]
आज तो पहली रात है !
आज दिए की लौ को गौर से न देखना वो शरमा के बुझ जायेगी ! आज उसके मंद मुस्कान को छेड़ न देना वो बल खा के गिर जायेगी ! आज दिए की लौ को बुझने न देना वो हवा से रिश्ता तोड़ लेगी आज उसे यह राज बता न देना हवा के बिना वो […]
तुमरे बिन हमरा कौनु नाही !
ये तो सभी जानते हैं की अब इस देश में न कोई गांधी रहा और न भगतसिंग ही कहीं है ! , लालबहादुर शास्त्री के बाद आज तक हिन्दुस्तान अपने सुस्थिति के लिए यदा यदा ही ….संभवामि युगे युगे ही गा रहा है ! लेकिन इतिहास गवाह है की आजादी के आन्दोलन से पहले और […]
इमरजेंसी से तुम्हे एक ही आदमी बचा सकता है !
आपको गब्बर का वह तकिया कलाम याद होगा ” गब्बर से तुम्हे सिर्फ एक ही आदमी बचा सकता है -खुद गब्बर !! तो भाई फिर हम तो ये भी जानते हैं की हमें इमरजेंसी से कौन बचा सकता है ? वही न जो आज हमें इमरजेंसी का डर दिखा रहे हैं ! सिर्फ सत्ताधारी राजनेता […]
वही दो बुँदे ! वही दो यादें !!
जमा हुवा पानी देखकर आज भी कागज़ की नांव चलाने का मन करता है बारिश की दो बूंदों से वो डूब न जाए सोचकर दिल काँप उठता है गरजते बादलों को सुनकर आज भी गोद में दुबकने का मन करता है हलके से उँगलियों के बिच से फिर बिजली देखने को दिल करता है आज […]