विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं के भारत में प्रवेश यहाँ की संपत्ति और स्थापत्यों को लूटने के उद्देश्य से ही हुए थे ! वे सब मुगलों के मातृ और पितृ पक्ष के अग्र-वंशज (पूर्वज) थे और वे भी प्रथमतः भारत को लूटने के ख्याल से ही देश के हिन्दू राजाओं (सिर्फ ‘राजपूत’ नहीं, स्थान विशेष लिए ‘अन्य’ […]
Author: डॉ. सदानंद पॉल
‘कतकी पूनो’ से गुरु नानक पूर्णिमा और आगे भी….
सनातन हिन्दू धर्मावलम्बियों के महान तीर्थ ‘गंगा स्नान’ की महत्ता कार्तिक पूर्णिमा के दिवा – रात्रि और भी बढ़ जाती है । आषाढ़ व शरद पूर्णिमा के दिन ‘वेदव्यास’ का जन्म हुआ था और इस पूर्णिमा को कालांतर में ‘गुरु’ पूर्णिमा कहा गया, किन्तु वेदव्यास के जन्म से पहले कार्तिक पूर्णिमा यानी अपनी ‘कतकी पूनो’ […]
महर्षि संतसेवी परमहंस की जन्मशताब्दी
बिहार, झारखंड, पूर्वांचल, प. बंगाल के पश्चिमी क्षेत्र और नेपाल, भूटान, जापान तक फैले संतमत सत्संगियों के आदर्श सद्गुरुदेव ब्रह्मलीन महर्षि मेंहीं परमहंस के उत्तराधिकारी महर्षि संतसेवी जी का जन्म 20 दिसम्बर 1920 को बिहार के मधेपुरा जिला के गम्हरिया में कायस्थकुल में जन्म लिए ‘महावीर लाल’ ही महर्षि मेंहीं के सान्निध्य में ‘संतसेवी’ हो […]
20वीं सदी के बुद्ध थे ‘महर्षि मेंहीं परमहंस’
कोई भी ‘संत’ स्थान, धर्म और काल विशेष से परे होते हैं, बावजूद बिहार, झारखंड आदि राज्यों व नेपाल, जापान आदि देशों में लोकप्रिय संत महर्षि मेंहीं और उनके आध्यात्मिक-प्रवचन से भारत के राष्ट्रपति डॉ. शर्मा, प्रधानमन्त्री श्री वाजपेयी सहित कई राज्यो के राज्यपाल, मुख्यमंत्री , नेपाल के महाराजा सहित अनेक व्यक्ति प्रभावित हुए हैं […]
इंदिरा गांधी की फीकी रही थी जन्मशताब्दी !
कमला कौल की इंदु, शांतिनिकेतन की प्रियदर्शिनी, बापू की मानसपुत्री, जमाहिरलाल की जैविक पुत्री, १९७१ की लौह महिला, आपातकाल की महारानी, १६ वर्ष भारत की प्रधानमंत्री रही जीवित किंवदंती “इंदिरा नेहरू गाँधी” विवाद की भी साम्राज्ञी रही हैं । १९ नवम्बर को न केवल उनकी जन्म – जयंती है, अपितु जन्म – शताब्दी (१९ नवम्बर […]
कोसी नदी कटिहार जिले के बाघमारा में गंगा से मिलती है !
कोसी या कोशी बिहार की शोक नदी है, यह सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, पूर्णिया, अररिया में प्रवाहित है, किन्तु किशनगंज और खगड़िया क्षेत्र “कोशी” प्रवाहित क्षेत्र नहीं है, अपितु छाड़ित क्षेत्र है, जो बाढ़ से आप्लावित ‘जल’ विसरण लिए है। एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए प्रस्थानित रास्ते में कोसी की चार सहायक नदियाँ मिलती हैं। […]
लोकगायिका शारदा सिन्हा के कई छठगीतों में ‘अ-भद्र’ शब्दों का गायन !
सूर्योपासना और लोकआस्था का महापर्व ‘छठ’ के आते ही बिहार, झारखंड, पश्चिमी प. बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, नेपाल इत्यादि अवस्थित श्रद्धालुओं द्वारा कैसेट, सीडी, मोबाइल, लाउडस्पीकर, साउंड बॉक्स इत्यादि के मार्फ़त ‘छठ’ गीत सुनने को मिलने लग जाते हैं। पहले पद्मश्री विंध्यवासिनी देवी, अनुराधा पौडवाल, छैला बिहारी इत्यादि के द्वारा गाई गई लोकगीतों को सुनी […]
‘कोरोना COVID-19’ पर पहली हिंदी कविता
कैसे बताऊँ तुम्हें कि तुम मेरे लिए मिस कौना नहीं, मिसेज कोरोना हो? तुम तो मेरे लिए वीणा हो, मीना हो और इसी का नाम जीना हो ! क्या फरक पड़ता है, तुम्हें कटरीना कहूँ, रवीना कहूँ या करीना ! तुम तो मेरी जान हो, जौना हो, खुशी हो, क्रोध हो, रोना हो ! तुम […]
बिहार में नियोजित शिक्षकों की हड़ताल
यह 13वां साल,13वीं लिए मरगिल्ला भात-सत्तू खाते बीत गए, नियत पापड़ का नियोजित साइज, मानस-पटल पर छा गए. ●● कहने को राष्ट्रनिर्माता, पर हर सरकारी काम कराते हैं, सही मच्छरदानी लेने का भी औकात नहीं, मच्छरों से डंसवाते हैं. ●● स्कूली छात्रों को साइकिल, नेपकिन, शिक्षाधिकारी को चाहिए वॉचर, शिक्षक न सिर्फ़ नियोजित हैं, अपितु […]
एकसमय फ़िल्मों से संन्यास ले चुके ‘अमिताभ बच्चन’ को मेरे पत्र ने उबारे थे !
भारतीय फिल्मों के महानायक श्रीमान् अमिताभ बच्चन अपने व्यक्तित्वों और कृतित्वों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं. डेब्यू फिल्म में सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेता और बुढ़ापे में भी सर्वश्रेष्ठ अभिनेता सहित 5वीं बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त करने हो ! बीबीसी से शताब्दी के महानायक घोषित किये जाने हो ! पद्म विभूषण […]