बातें
जो बात हम कह नहीं पाते हैवह कसक बनकरमन में ठहर जाती हैजो बातें मन में नहीं ठहर पातीवह आखों
Read Moreयादों की गठरी से उसने, पत्र पुराना पाया होगा । तीव्र हुई होगी उर सरगम ,याद बहुत कुछ आया होगा
Read Moreप्रेम प्रगाढ़ हुआ प्रिय तबसे , जबसे नैनों में सच देखा । देखा मैनें अपनी सूरत तेरे हाथों में निज
Read Moreचोरी नैनों से करे, लूटे मन का चैन। जब तब पलके मूंद कर, दिन को कर दे रैन ।। दिन
Read Moreडोरबेल की आवाज सुनके शिप्रा ने जैसे ही दरवाजा खोला .. आदित्य उसके सामने खड़ा था। जैसा कि इंसान के
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