संगीत, नृत्य और नाटक की भारतीय परंपरा हमारी सभ्यता के मूल में है। किसी भी सभ्यता का सार और गुणवत्ता उसके लोगों के सांस्कृतिक और कलात्मक हितों से आंकी जाती है। भारतीय सभ्यता अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत और ललित कलाओं में समृद्ध परंपरा के साथ सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त है। हमें, इस परंपरा के […]
Author: *सलिल सरोज
शिक्षक होना और शिक्षा प्रदान करना पृथ्वी पर सबसे महान काम करना है
5 सितंबर, भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हम सभी अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षकों द्वारा किए गए प्रयासों को याद करते हैं और उनकी सराहना करते हैं। यह हमारे जीवन में उनके विशेष योगदान के […]
सैनिक स्कूल तिलैया – राष्ट्र निर्माण का अहम् भागीदार
पुटुस से पटे हुए सड़क के दोनों किनारे। मुख्य दरवाजे पर बारिश से भीगा तोप। अंदर घुसते ही, बाईं तरफ छोटी-छोटी दकानें, जो एक बोर्डिंग स्कूल में रह रहे बच्चोँ की छोटी-बड़ी जरूरतों को पूरा करने का सामर्थ्य रखते थे। मसलन टेलीफोन पीसीओ, नाई की दकान, जनरल स्टोर, स्टेशनरी शॉप, टेलर शॉप। और दाहिनी तरफ […]
हिंदी में लिखने और पढ़ने में गर्व होना चाहिए
एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग […]
सामाजिक सरोकार और लोकतांत्रिक मूल्य
भारतीय राजनीति का महत्वपूर्ण पहलू स्वतंत्रता आंदोलन के महान आदर्शवाद से उस स्थिति में परिवर्तन है जिसमें वह वर्तमान में खुद को पाता है। प्रत्येक व्यक्ति समाज के साथ अपने व्यवहार में स्वार्थ से शासित होता है। लेकिन जब इस स्वार्थ को बड़े पैमाने पर देश के हितों से ऊपर रखा जाता है, तो यह […]
संसदीय लोकतंत्र में “प्रश्न पूछने” का महत्व
संसदीय लोकतंत्र के बारे में सबसे महत्वपूर्ण धारणा यह है कि संसद सरकार और लोगों के बीच एक कड़ी है। सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है और यह जवाबदेही जनता द्वारा संसद में अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से सुरक्षित की जाती है। लोकतंत्र के स्वरूप की परवाह किए बिना जवाबदेही सरकार का एक महत्वपूर्ण सहायक […]
मानव अधिकार
मौलिक मानवाधिकार सार्वभौमिक और अक्षम्य हैं और दुनिया के सभी लोग नस्ल, रंग, लिंग, जातीयता, उम्र, भाषा, धर्म, राष्ट्रीय या सामाजिक मूल, विकलांगता, संपत्ति, जन्म या अन्य स्थिति के आधार पर भेदभाव के बिना उनका आनंद लेने के हकदार हैं। अन्तर्निहित स्वतंत्रता, समानता और गरिमा का जीवन ही विश्व में न्याय और शांति के साथ […]
रोजगार पर कोविड-19 का प्रभाव
नोवेल कोरोनावायरस रोग (कोविड-19) के विश्वव्यापी प्रसार ने मानव जाति के सामने अब तक का सबसे बड़ा संकट साबित किया है। कोविड-19 स्वास्थ्य महामारी ने एक ‘आर्थिक रक्तपात’ की घोषणा की जहां व्यावहारिक रूप से दुनिया भर में सभी आर्थिक गतिविधियां बंद देखी जा रही हैं। वास्तव में, यह स्वास्थ्य आपदा वैश्विक आर्थिक संकट में […]
अंतर्जातीय विवाह
भारत कठोर जाति और धार्मिक व्यवस्था वाला एक पारंपरिक समाज बना हुआ है। जाति और धर्म लोगों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर विवाह में साथी के चयन में। अधिकांश के लिए, दूसरी जाति में विवाह के बारे में सोचना कठिन है। हालांकि, भागीदारों के चयन में एक कारक के रूप में […]
ग़ज़ल
घर तो है, पर घर इसे कहता कौन है सब मुर्दे हैं यहाँ, इसमें रहता कौन है सब काइल हैं अपनी ज़िंदगी के यहाँ किसी के लिए अब मरता कौन है माद्दा समय के साथ चलने में नहीं है देखें वक़्त के खिलाफ बहता कौन है ख़ुशी में तो कायनात साथ रहती है सवाल है, […]