गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 26/11/2022 ग़ज़ल तोहमतें लग रहीं सबेरों पर ।। कुछ मेहरबान हैं अंधेरों पर ।। जोर देखेंगे अब हवाओं का रख दिए हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 31/10/202201/11/2022 ग़ज़ल हद से ज्यादा करीबियां बढ़ कर ।। दूरियों में बदलतीं हैं अक्सर ।। आंधियों का नहीं कोई भी डर ।। Read More
मुक्तक/दोहा समीर द्विवेदी नितान्त 21/10/2022 मुक्तक इस दीवाली रोशनी का बोलबाला चाहिए ।। सबके घर मे सबकी छत पर दीपमाला चाहिए ।। दीप मेरे हाथ मे Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 08/09/202208/09/2022 ग़ज़ल घर में जाओ तो छोड़ दो बाहर ।। अपने दुख दर्द अपनी चिंता फिकर ।। उसको किस बात का भला Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 02/09/2022 ग़ज़ल ध्यान इतना रहे उड़ानों में रुक न पाओगे आसमानों में अक्सर अब होते ही नहीं हैं घर लोग रहते हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 20/08/2022 ग़ज़ल कैसे सीखें दुनियादारी । सीख नहीं पाए होशियारी।। मतलब छूटा रिश्ते छूटे यानी अब मतलब की यारी ।। खाली पेट Read More
समाचार समीर द्विवेदी नितान्त 16/08/2022 कवि सम्मेलन 75अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में स्वतन्त्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जलालपुर सरबन में विराट कवि सम्मेलन और मुशायरा का Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 18/07/2022 ग़ज़ल अपनी सामर्थ्य से अधिक ऊपर ।। खर्च मत करना कर्ज ले ले कर ।। सच कहा है किसी ने सहमत Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 07/06/2022 गज़ल तेरी चौखट पे सब भुला बैठे ।। माँगना क्या था माँग क्या बैठे ।। हम बुज़ुर्गों के पास क्या बैठे Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 22/04/2022 गज़ल पहले वैल्यू पैदा कर । फिर तू अपनी चर्चा कर ।। हैं सारी खुशियाँ इनसे । अपनो को मत Read More