जिनावर , यह शब्द मैंने लगभग बारह- तेरह वर्ष की आयु में सुना था और इसका अर्थ जानवर या पशु से लगाया था । ज्यों- ज्यों मेरी उम्र बढ़ी, त्यों- त्यों समझ आते-आते मुझे यह निश्चित हो गया कि ‘ जिनावर ‘ का अभिप्राय ‘ जानवर ‘ से नहीं है ; ना आदमी से ही […]
Author: डॉ. सम्राट् सुधा
◆जन्म : 6 जून, 1970
◆प्रकाशन : वर्ष 1985 से राष्ट्रीय पत्र- पत्रिकाओं में अनवरत प्रकाशित।
◆प्रसारण : आकाशवाणी व बी. बी. सी. लन्दन रेडियो
◆ पुस्तक : उत्तर आधुनिकता - भूमंडलीकरण तथा शशि- काव्य
◆पुरस्कार : संचेतना सम्मान-2002, हिन्दी पत्रकारिता स्नातकोत्तर डिप्लोमा में स्वर्ण- पदक अलंकृत।
◆संपर्क : 94- पूर्वावली, गणेशपुर, रुड़की- 247667,उत्तराखंड
◆व्हाट्सएप : 9412956361
samratsudha66@gmail.com
क्या हो रा’ है का खटराग !
“क्या हुआ ; क्या हुआ ; क्या हो रा’ है “- एक साँस में वह तीनों लघु वाक्य बोल गया था! आंखों में घोर कौतूहल ; सब कुछ जान लेने की आतुरता और भीतर ही भीतर एक क्रूर मज़ा, वह मेरे बिल्कुल पास खड़ा था और मेरी ही तरह तीन छत छोड़कर होते हंगामे को […]