Author: संदीप चतुर्वेदी "संघर्ष"

गीतिका/ग़ज़ल

बसाया हो जिन्होंने खुल के अपनी बस्तियों में,,,,,

बरगद की तरह अगाध प्रेम है उन पक्षियों में बसाया है जिन्होंने खुल के अपनी बस्तियों में स्वछन्द विचरण करने

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