Author: संकलित

राजनीति

हिंदी और इसकी बोलियों को उखाड़ने का काम अब मीडिया ने अपने हाथ में ले लिया है

अँग्रेज़ी इस बात में तो आरंभ से सतर्क रही और उसने हिन्दी का अन्य भारतीय भाषाओं से सहोदरा संबंध बनाने

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सामाजिक

हिंदी में अँग्रेजी शब्दों और रोमन लिपि की स्वीकार्यता आखिर किस हद तक ? – स्नेह ठाकुर

“हिंदी में अँग्रेजी और रोमन लिपि की स्वीकार्यता आखिर किस सीमा तक?” – इस एक ही प्रश्न में समाहित द्विप्रश्नीय

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