बीज हौसलों के बोता हूं, उम्मीदों की धरती पर..
फूल चढा कर श्रृद्धा के, बीती बातों की अर्थी पर। बीज हौसलों के बोता हूं, उम्मीदों की धरती पर॥ रोज
Read Moreफूल चढा कर श्रृद्धा के, बीती बातों की अर्थी पर। बीज हौसलों के बोता हूं, उम्मीदों की धरती पर॥ रोज
Read Moreदर्द में भी मुस्कुराना सीख लो। चेहरे पर चेहरा लगाना सीख लो॥ तुमको रोता देखकर हंसने लगेगें अपनों से आंसू
Read Moreहै आसान बहुत मेरी, हर एक निशानी लौटाना। गर मुमकिन हो तो मेरे, बीते पल भी वापिस लाना॥ माना लौटा
Read Moreइस कदर अब हद से गुजरने लगे हैं लोग। बिन बात के ही मारने मरने लगे हैं लोग॥ अपनी हवस
Read Moreगहरा तम है, कलुषित जन आराध्य हुए पथभ्रष्टक अब निपुण जनो के साध्य हुए। कागा मोती खाये कैसा कलियुग है
Read Moreमिला जब आज मैं उस से, बहुत बेजार रोई वो। मेरे कांधे पे सर रखकर, सरे बाजार रोई वो॥ बिखरते
Read Moreकह रहा है दिल गज़ल कोई लिखुं। मुस्कुराता हंसता पल कोई लिखूं॥ भूल कर आघात के मंजर सभी। चाहतों का
Read Moreदेकर असहयोग का नोटिस मुझे। दिल बगावत पर उतारू हो गया है॥ देखकर रिश्तों की लगती बोलियां। लगता है ये
Read Moreयूं आज मेरे सब्र की तौहीन कर गये। पलकों के बांध तोड कर आंसू बिखर गये॥ शिद्दत से बहुत हमने
Read Moreचलो गुनगुनां कर के हम देख लें। कोई गीत गाकर के हम देख लें॥ बहुत पी चुके आंसुओ की नमी।
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