ग़ज़ल
यहाँ इमदाद जो भेजी कभी सारी नही आई तभी तो आजतक हक़दार की बारी नही आई सभी ने भाषणो में
Read Moreएक तरफ, खाई हर एक कसम रख दे फिर मेरे कदमों के साथ कदम रख दे काँधे पर जुल्फ़ों के
Read Moreये जो नाहक ग़रूर होता है एक दिन चूर चूर होता है हर दुआ और बद्दुआ का असर याद रखिये
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