मुक्तक/दोहा

स्वतंत्र मुक्तक

जो तुम्हारे मन को भा जाए,मैं वो प्रीत लिख दूंगी। जगाएं जो दिलों में सपने सुहाने,मैं वो गीत लिख दूंगी। उलझने बहुत है जिंदगी की इस मचलन में “मगर”,,, सुलझा दे जो उलझनें सभी,मैं वो रीत लिख दूंगी।। सविता राजपुरोहित

कविता

हम मुसाफिर है नई राहों के

“”हम मुसाफिर है नई राहों के”” असफलताएं तो तेरी,मात्र क्षणभंगुर है। फूटा तेरे मस्तिष्क में,ज्ञान का अंकुर है।। धैर्य की नाव कभी ना डूबे,अहंकार के जलधि में। स्वयं को ना घेर कभी तू,संकीर्णता की परिधि में।। हम मुसाफिर है नई राहों के,हर हाल में चलना होगा। जाने कितने अवरोधक है,अविरल कल-कल बहना होगा।। हिम्मत तेरा […]

कविता

अपनी कोशिश करते रहो

काम बने या बिगड़े, तुम कोशिश करते जाना। बढ़ते रहें जो कदम तेरे, मिलके रहेगा मंजिल का ठिकाना ।। कभी ना ठहरता वक्त का पहिया, उसने तो बस चलना जाना। हासिल करना है जो लक्ष्य तुझे, वक्त के संग चलते जाना।। उनकी होती कश्ती पार, जिनके हाथों में है पतवार l कश्ती उनकी डूब जाती, […]

ब्लॉग/परिचर्चा

विचारों का दर्पण –दृष्टिकोण

  विचारों का दर्पण-दृष्टिकोण किसी भी दृश्य की सुन्दरता देखने वाले की दृष्टि की पवित्रता पर निर्भर करती हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो क्यों कोई व्यक्ति किसी दृश्य को घृणा की दृष्टि से देखता है जबकि वहीं दृश्य दूसरा व्यक्ति मनोहारी दृष्टि से देखता हुआ उसके आनन्द की अनुभूति करता है सुंदरता और कुरूपता […]

ब्लॉग/परिचर्चा

तालिबान का क्रूर शासन

“”तालिबान का क्रूर शासन”” यह बिल्कुल सच है कि आज अफगानिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है वह मानवीय त्रासदी से कम कुछ भी नहीं है। 25 साल बाद अफगानिस्तान में तालिबान ने फिर से एंट्री की है और वो भी अमेरिका जैसी सुपर पावर की आंखों के सामने और अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान […]

कविता

मेरी लिखनी यहां पढ़ेगा कौन

मेरी लिखनी यहां पढ़ेगा कौन? शब्द मेरे गुमनामी में हैं कलम पड़ी है मेरी मौन मेरी लेखनी यहां पढ़ेगा कौन? सारा जहान हैं ख़ुद में मौन मेरा लिखा पढ़ेगा कौन झूठ कहूं तो सब करते वाह वाह सच पर हैं सबकी जुबां मौन मेरी लेखनी यहां पढ़ेगा कौन? किस रस में,मैं अपनी लेखनी डुबोऊं मूक […]

सामाजिक

ख्वाहिश

जब ख़्वाब देखा हो कुछ अच्छा करने का,, तब क्या दिन या रात देखना। भले ही सारे नजारे सो गए हो लेकिन मेरा दावा है अभी भी सच्चे प्रतिभागियों की कलम में तेज रफ़्तार होगी। कोई इतिहास से बाते कर रहा होगा तो कोई ख़ुद इतिहास में अपना नाम दर्ज़ कराने को बेताब होगा। कोई […]

कविता

मेरा लिखा यहां पढ़ेगा कौन

  मेरी लेखनी यहां पढ़ेगा कौन शब्द मेरे गुमनामी में हैं कलम पड़ी है मेरी मौन मेरी लेखनी यहां पढ़ेगा कौन? सारा जहान हैं ख़ुद में मौन मेरा लिखा पढ़ेगा कौन झूठ कहूं तो सब करते वाह वाह सच पर हैं सबकी जुबां मौन मेरी लेखनी यहां पढ़ेगा कौन? किस रस में,मैं अपनी लेखनी डुबोऊं […]

संस्मरण

वो दोस्त जो गुम है अब कहीं

ज्यादा पुरानी बात नहीं है, स्कूल के शुरूआती दिनों में ही उससे मुलाकात हो गई थी। उसकी आंखों में एक तेज़ था। मानों कि दुनियां जीत ले अपने शौर्य से,पर वो नादान तो अपनी मुस्कान से सबको अपना मुरीद बनाना चाहती थीं। कुछ उसे सिरफिरा कहते थे तो कोई खुदगर्ज। वो तो अपनी धुन पर […]

कविता

मुश्किलें आती रहेंगी

तुम्हें मंज़िल चाहिए तो राहों पर चलना होगा, मजबूर नहीं मज़बूत बनकर चलना होगा, तुम्हें राहों में मिल जाएंगे गिराने वाले हज़ार,,, गिर कर ख़ुद-ब -ख़ुद संभलना होगा।।   जो होना है रोशन तो,भीड़ से निकलना होगा। जब हो उफान पर समंदर तो,उसे भी लांघना होगा। करो तो करना तुम किरदार पतवार का,,,, जो ख़ुद […]