उपाय
माँ मना करती रही कि घर में कैक्टस नहीं लगाया जाता। किन्तु सुशील बात कब सुनता माँ की। न जाने
Read Moreमहिला काव्य मंच (रजि.) उत्तर प्रदेश इकाई के आगरा ज़िले की दूसरी ऑनलाइन काव्य गोष्ठी सफलतापूर्वक 28 जून को संपन्न
Read Moreप्रगति मैदान में पहुँचते ही शीला अचकचा गयी भीड़ को देख।आगे बढ़ी तो कई दुकाने लगी हुई थीं। किस में
Read More“पाँच सौ और हजार की नोटें बंद हो गयीं माँ, दो दिन बाद ही बैंक खुलेगा | तब इन्हें बदलवा
Read Moreआज वक्त है शहनाई का शहनाई बजा लीजिये | आज वक्त है विदाई का आँसू बहा लीजिये | आज वक्त
Read More१..शिक्षा प्रेम की पर नफरत बढ़ती रही जिन्दा थी कभी अब लाश होती रही | २..बेइज्जत नारी की भरे बाजार
Read Moreमाँ तू भगवान से भी अधिक दयालु तेरे आँचल में रहकर सारा सुख पाया गलतियों की सजा ज़रूर देता है
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