लघुकथा

माँ भारती

“देश की रक्षा के लिए किये जा रहे युद्ध में आज वीर सैनिक रघुवीर प्रताप सिंह की बहुत जरूरत महसूस की जा रही है, अभी भी रवानगी में कुछ दिन बाकी है! काश वो पहुँच ही जाये।” सेना के बड़े अधिकारी आपस में विचार विमर्श कर रहे थे। “माँ , मेरे अलावा तुम्हे देखने वाला कोई […]

लघुकथा

अनजानी राह

सतविंदर कभी अपनी माँ से एक दिन के लिए भी दूर नही गया। स्कूल भी जाता तो वापस आकर माँ से लिपट जाता था। बेहद शर्मीले स्वभाव का लड़का था सतविंदर। बुरे दोस्तों की संगत में ऐसा पड़ा कि घर से रिश्ता ही टूट गया । दोस्तों ने उसे एक अनजानी राह पर भटकने के लिए छोड़ दिया। अभी तक […]

लघुकथा

छुआछूत -पेट पूजा

भोजन की सख्त जरूरत महसूस की जा रही थी, सभी शिकारी थक चुके थे। वापस जंगल से शहर का लंबा रास्ता तय करने के लिए शरीर में ऊर्जा की अति आवश्यकता थी। “आप सब बहुत थके हुए, और भूख से बेहाल लग रहे हो , उच्च जाति के लोग लग रहे हो, निम्न जाति के […]

लघुकथा

समर्पण

,कौन हो तुम ! क्यों नेहा के घर में चोर की तरह घुसे हो! मीरा काकी ने उस अनजान आदमी के सर पर पीछे से वार कर के नेहा को उसकी गिरफ्त से छुड़ाते हुए कहा। ,अचानक मीरा काकी को अपने सामने देखकर नेहा के तो जैसे जाते हुए प्राण ही वापस आ गए। मौका पाकर अनजान […]

लघुकथा

करणी का फल

आज सासु माँ की बहुत याद आ रही है , कड़ाके की ठंड में रात को दस बजे तक भी जब मैं अपनी व्यस्तता का बहाना बनाकर खाना नही बनाती थी,तो भी कभी कोई शिकायत नही करती मुझसे। रमा के आज एक-एक कर वो सब बाते फ़िल्म की तरह दिमाग में चल रही है। रात को ही […]

लघुकथा

जन्मदिन की पार्टी

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतीक शर्मा के बेटे के जन्मदिन का अवसर था। जाहिर सी बात है मेहमानो को तो निमन्त्रित करना ही था, प्रतीक की पत्नी जो जिला शिक्षा अधिकारी थी, चाहती थी कि बेटे का जन्मदिन चुनिंदा लोगो के साथ किसी होटल में मनाया जाय। पर प्रतीक चाहता था घर में अपने पूरे परिवार के साथ मनाया जाय। अंत […]

लघुकथा

मार्गदर्शन

बाल विवाह का दंश झेल कर युवा हुई किरण, जीवन के दोराहे पर खड़ी थी। पति ने बचपन में हुए विवाह को मानने से इंकार कर दिया, घर वाले अभी भी आस लगाये बैठे थे कि काश ! ये अपने ससुराल चली जाये। तभी उसे अपनी प्राइमरी स्कूल की अध्यापिका की याद आई जा पहुंची उनके घर […]

लघुकथा

लघुकथा : वही घटना

करीब दो घण्टे से बाहर मूसलाधार बारिश हो रही थी और घर में बहू के तानों की बरसात बराबर चालू थी। रामनरेश जी को आज बहू के ताने विष बुझे तीर के समान कड़वे लग रहे थे। जब सहन शक्ति चुक गयी तो पत्नी सुरेखा का हाथ पकडा़ और तेज बारिश में ही वृद्ध आश्रम के लिए […]

कहानी

अस्तित्व….

उस भीड़ वाले माहोल मे भी किरण का जैसे दम घुटने लगा| मेजबान अंजली किरण की परेशानी को कब से ही महसूस क रही थी| ”आपको कोई परेशानी है क्या?, अंजली ने किरण से पूछा| ”नहीं नहीं मै बिलकुल ठीक हूँ|” कहते हए किरण वहां से दूसरी और चली गयी|           […]

कहानी

मकसद

स्लेटी रंग की कॉटन की बारीक़ प्रिंट की साडी, आकर्षक नैन-नक्श,कलाई पर सुनहरे रंग की घड़ी में मिस रूपा का व्यक्तित्व अत्यंत सुंदर लग रहा था |फैशन डिज़ायनर रूपा का अपने बुटिक मे आते ही काम मे व्यस्त हो जाना, अपने स्टाफ को काम समझाना,ये उनका डेली का रूटीन था | ” मिस डिसूजा , […]