संत ज्ञान, तप, योग से, रचते जीवन-सार। राह दिखा, आलोक दें, परे करें अँधियार।। संत नित्य ही निष्कलुष, सदा आचरण नेक। कर्म, सत्य को मानकर, साधें प्रखर विवेक।। संत करें नित साधना, शुभ-मंगल का मान। जहाँ संत होता वहाँ, हर दुर्गुण का अवसान।। संत आचरण से बनें, बाह्य प्रदर्शन व्यर्थ। जहाँ शुद्ध अंतर वहाँ, संत […]
Author: *प्रो. शरद नारायण खरे
पल्लव काव्य मंच की काव्य गोष्ठी
मंडला–पल्लव काव्य मंच के पटल पर आयोजित आज के कवि सम्मेलन में काव्य पाठ हेतु आमन्त्रित भारत के अनेक राज्यों के कवि ,कवयित्री ,साहित्यिक विद्वज्जनों का हृदयतल से आभार ज्ञापित करता हूँ , जिन्होने लोक मंगल की कामना को समर्पित , काव्य के विविध विषयक काव्य के विविध रसों ,के माध्यम से काव्य विधा के अनेक […]
भारतवासी
भारतवासी माटी पूजें, तुमको बात बताता हूँ। बहती है गंगा-यमुना,मैं गीत वहाँ के गाता हूँ।। पर्वतराज हिमालय जिसके हर संकट को हरता है। तीन ओर का सागर,जिसकी चरण-वंदना करता है।। भारतवासी परम वीर हर, नित्य शहादत वरता है। गगन तिरंगा फहराता है,हर विपदा को हरता है।। बच्चो जानो,भारत माँ को,जिसका कण-कण सुंदर है। शस्य […]
नव संवत्सर के दोहे
संवत्सर आया नया,गाने मंगल गीत । प्रियवर अब दिल में सजे,केवल नूतन जीत ।। उसकी ही बस हार है,जो माना है हार । साहस वाले का सदा,विजय करे श्रंगार ।। बीते के सँग छोड़ दो,मायूसी-अवसाद । दो हज़ार अस्सी सुखद, धवल,कर देगा आबाद ।। खट्टी-मीठी लोरियां,देकर गया अतीत। वह भी था अपना कभी ,था प्यारा […]
दोहे – छल-बल का परित्याग
छल-बल में क्या रखा,ये लाते दुष्परिणाम। पतन सुनिश्चित ये करें,हैं दुख के आयाम।। छल-बल मात्र प्रपंच हैं,बचना इनसे आज। वरना तय होगा यहाँ, झूठ-कपट का राज।। छल-बल तो अभिशाप हैं,नीचा करें चरित्र। इनसे बिगड़े है मनुज,होता थोथा चित्र।। छल-बल को त्यागो अभी,तभी बनेगी बात। वरना जीवन को समझ,ख़ुद की ख़ुद पर घात।। छल-बल को जो […]
युवाशक्ति के दोहे
युवाशक्ति को है नमन्,जो रचती इतिहास। हो हिमगिरि-सा दृढ़ युवा,ऊँचा ज्यों आकाश।। युवा उठे तो हो सृजन,विचले तो विध्वंस। युवा विवेकानंद है,है मानस का हंस।। तूफ़ानों को जीतकर,ला दे नवल विहान। युवा सदा गतिशील है,है वह मंगलगान। भगतसिंह,सुखदेव है,युवा लगे ‘आज़ाद’। हर बाधा से लड़ करे,युवा वतन आबाद।। युवा जोश का नाम है,रखता नित विश्वास। […]
प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे को “हिंद शिरोमणि सम्मान”
मंडला–भव्या फाउंडेशन द्वारा जयपुर में विगत दिवस भव्यता के साथ अंतरराष्ट्रीय मैत्री सम्मेलन एवं हिंद शिरोमणि सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इसमें वरिष्ठ साहित्यकार/इतिहासकार व अनेक कृतियों के रचयिता, साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय अलंकरण से सम्मानित प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे को उनकी समर्पित साहित्य सेवा, रचनाधर्मिता, शिक्षा व सामाजिक चेतना हेतु “हिंद शिरोमणि सम्मान” से […]
युवाशक्ति के दोहे
युवाशक्ति को है नमन्, जो रचती इतिहास। हो हिमगिरि-सा दृढ़ युवा, ऊँचा ज्यों आकाश।। युवा उठे तो हो सृजन,विचले तो विध्वंस। युवा विवेकानंद है,है मानस का हंस।। तूफ़ानों को जीतकर,ला दे नवल विहान। युवा सदा गतिशील है,है वह मंगलगान। भगतसिंह,सुखदेव है,युवा लगे ‘आज़ाद’। हर बाधा से लड़ करे,युवा वतन आबाद।। युवा जोश का नाम है,रखता […]
शिव-वन्दना
देवाधिदेव हे महादेव!, हे शिवशंकर त्रिपुरारी! हे आशुतोष! हे गौरीपति!, प्रभु! विनती सुनो हमारी।। हे शिवशंकर! हे परम सत्य!,तुम हो जग के रखवाले। तुम हो कल्याणक परम ताप,अब दूर करो दिन काले।। दया,नेह करना हम पर तुम ,टारो तुम विपदा सारी। हे आशुतोष! हे गौरीपति!, प्रभु! विनती सुनो हमारी।।1 * भोले भंडारी,महादेव,तेरी महिमा का गायन। […]
दोहे- तू और चाँद
इतराता है चाँद तो, पा तुझ जैसा रूप। सच,तेरा मुखड़ा लगे, हर पल मुझे अनूप।। चाँद बहुत ही है मधुर, इतराता भी ख़ूब। जो भी देखे,रूप में, वह जाता है डूब।। कभी चाँद है पूर्णिमा, कभी चाँद है ईद। कभी चौथ करवा बने, करते हैं सब दीद।। जिसकी चाहत वह सदा, इतराता है नित्य। आसमान,तारे […]