नैनों के दोहे
नैनों से जग देखते,नैन सदा वरदान। नैनों में संवेदना,नैनों में अभिमान ।। नैन अगर करुणा भरे,तब नैनों में नीर। नैनों
Read Moreनैनों से जग देखते,नैन सदा वरदान। नैनों में संवेदना,नैनों में अभिमान ।। नैन अगर करुणा भरे,तब नैनों में नीर। नैनों
Read Moreइंसां होना है कठिन,सुन तू ऐ भगवान। देख परेशानी ज़रा,जीना ना आसान।। इंसां नित ही भोगता,कष्ट,दर्द का शाप। दुख के
Read Moreगर्मी में प्यासे फिरें,बंधु परिन्दे आज। कोई रखता नीर नहिं,कैसा हुआ समाज।। नहीं सकोरे अब रखें,छत,आँगन में सून। खग को
Read Moreकैसा कलियुग आ गया,बदल गया इंसान। दौलत के पीछे लगा,तजकर सब सम्मान।। बदल गया इंसान अब,भूल गया ईमान पाकर दौलत
Read Moreमाता की चिट्ठी मिली,झंकृत उर के तार। लगता मुझको मिल गया,यह पूरा संसार।। माता की चिट्ठी सुखद,जो लगती उपहार। माता
Read Moreनित पावन सम्बंध हों,तब बनती है बात। पावनता यदि लुप्त हो,तो अँधियारी रात।। सदा सुहावन बंध हो,तब भूषित सम्बंध। अस्थायी
Read Moreअसफलता है एक चुनौती,दो-दो वार करो। करना है जो,कर ही डालो,प्रिय तुम लक्ष्य वरो।। साहस लेकर,संग आत्मबल बढ़ना ही होगा
Read Moreधरती माता पालती,संतति हमको जान। धरती माता के लिए,बेहद है सम्मान।। अवनि लुटाती नेह नित,करुणा का प्रतिरूप। इसकी पावन गोद
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