देशभक्ति के मुक्तक
(1) भारत माँ का लाल हूँ, दे सकता हूँ जान। करता हूँ मन-प्राण से, मैं इसका यशगान। आर्यभूमि जगमग धरा,
Read More(1) भारत माँ का लाल हूँ, दे सकता हूँ जान। करता हूँ मन-प्राण से, मैं इसका यशगान। आर्यभूमि जगमग धरा,
Read Moreजीवन है विपरीत अब, सब कुछ है प्रतिकूल। फूलों की बातें नहीं, चुभते हैं नित शूल।। रोज़ विहँसता झूठ अब,
Read Moreमंडला–अनेक श्रेष्ठ कृतियों के सृजक व रेडियो, टीवी,मंचों के प्रस्तोता,सुपरिचित साहित्यकार व इतिहास-प्राध्यापक (प्राचार्य-शासकीय गर्ल्स डिग्री कॉलेज) प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे
Read Moreउलझन को सुलझाइए,लेकर सुलझे भाव। जिसके सँग है सादगी,रखता प्रखर प्रभाव।। उलझन है मन की दशा,नहीं समस्या मान। यह है
Read Moreज़िद पर आओ,तभी विजय है,नित उजियार वरो। करना है जो,कर ही डालो,प्रिय तुम लक्ष्य वरो।। साहस लेकर,संग आत्मबल बढ़ना ही
Read Moreश्रम करने वालों के आगे,गहन तिमिर हारा है। श्रमिकों के कारण ही तो देखो,हरदम उजियारा है।। खेत और खलिहानों में
Read Moreप्रो.शरद नारायण खरे को “गोस्वामी तुलसीदास साहित्य रत्न सम्मान मंडला-कलम की ताक़त साहित्य समूह ने भक्ति संतों के सृजन व
Read Moreजलता जाता देश,चुप्प हैं देखो सारे। नौजवान को समझाकर के,सब ही हारे।। नीति,नियति की बातें होतीं,हिंसा फैली। देखो तो सबकी
Read Moreरोदन करती आज दिशाएं,मौसम पर पहरे हैं । अपनों ने जो सौंपे हैं वो,घाव बहुत गहरे हैं ।। बढ़ता जाता
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