मेरे घर भी आ जाइए
हे मेरे पूर्वजों -पित्तरोंइस समय पितृपक्ष चल रहा है,आप सबको पता ही हैक्योंकि शोर भी बहुत है।हर कोई तर्पण पिंडदान
Read Moreहे मेरे पूर्वजों -पित्तरोंइस समय पितृपक्ष चल रहा है,आप सबको पता ही हैक्योंकि शोर भी बहुत है।हर कोई तर्पण पिंडदान
Read Moreआइए एक बार फिरश्राद्ध की औपचारिकता निभाते हैंअपने पूर्वजों को याद करते हैंतर्पण, पिंडदान, श्राद्ध की खानापूर्ति करते हैं,कौआ, कुत्ता
Read Moreअब इतना भी न परेशान होकल सुबह चले आनाबिल्कुल न हड़बड़ानाअपने सारे कामसूकून से निपटाकरशांतभाव से आना।वैसे भी कोई जल्दी
Read Moreकह रहा है आइनाकि मैं सिर्फ चेहरा देखने की चीज नहीं हूंमैं कुछ कह भी रहा हूंउससे भी सुनना समझना
Read Moreठीक ही तो है कुछ तो बदल रहा हैपर कुछ ही नहीं बहुत कुछ बदल रहा है,आंखें फाड़कर देखिएसब कुछ
Read Moreकुछ हमको ही नहींदुनिया को भी बताइएआखिर क्या तलाश है आपको।जब यही नहीं पतातब क्या तलाशते हो?दुनिया को दिखाते होआंखों
Read Moreयूं तो हमने अपने दिल में बड़े अरमान सजा रखें हैकुछ सहज सरल तो कुछ हमें ही मुंह चिढ़ा रहे
Read Moreअभी अभी स्वर्ग लोक से गांधी जी का फोन आया, अपनी जयंती मनाने की औपचारिकता निभाने के लिए हमारा धन्यवाद
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