चलो गाँव की ओर शहर में है बहुत शोर प्रदुषण की हो रही प्रहार नहीं मिलता है शुद्ध बयार चलो गाँव की और शहर ने कर दिया बोर जिन्दगी कैद है दीवारों में संसार सिमट गई घर द्वारों में चलो गाँव की ओर गाँव बुला रही है चहुँओर शुद्ध जल व शुद्ध बयार सारा गाँव […]
Author: उदय किशोर साह
पाना है गर नाम
जीवन में अगर पाना है नाम नित्य दीन दुखियों के आना काम मिल जायेगा तुम्हें भी मुकाम सेवा भाव रहे सुबह से शाम जग में अगर पाना है नाम लाचार का मदद करना सरेआम. तुम्हें भी भला करेगें प्रभु श्रीराम पाना है जग में शांति व आराम जग में अगर पाना है नाम कर्म की […]
आखरी पन्ना
जीवन की लिख रहा हूँ गणना अपनी कहानी की अंतिम पन्ना बहुत उतार चढ़ाव देखा जीवन में कष्टों को झेला है हमने कितना सुन्दर था बचपन हमारा बाल मित्रों का था सब का प्यारा ना कोई ईष्या ना थी बैर कमाई आपस में थे एक दूजै का भाई जवानी की रेखा जब दस्तक […]
माँ तेरी ऑचल
माँ तेरी ऑचल में ममता की है दरबार तेरी चरणों में है माता अपना अमूल्य संसार हाथ अपनी जब रख देती है मेरे सर पे भूल जाता हूँ गम का हर तार खिसक जाती है पीड़ा तन से तेरी जब मिल जाता है माँ का प्यार अपनी कोख से जन्म दिया है माँ तुम ममता […]
वक्त की गर्दिश
ना झुकता है वक्त की गर्दिश ना झुकता है जमाने की शान झुक जाता है बेवस आदमी वक्त बदल देती है सबकी पहचान ना झुकता है घमंड का चोला ना झुकता है झूठा अभिमान झुक जाती है चाल हमारी झुक जाता है मजबूर इन्सान ना झुकता है लोभ व लालच ना झुकता है तृष्णा की […]
ममता का अधिकार
नजर जब पड़ती है मेरी प्लास्टिक बीनते बच्चे पर दिल में एक टीस चुभती है उपर वाले के गलत फैसले पर जिस हाथों में होना था कॉपी और निगाहें किताब के पन्ने पर उस मासुम को थमा दी बोरा कचरा पे बीनने गन्दे मैलों पर जिसका था अधिकार ममता पर जिनकी जरूरत थी मॉ की […]
सत्यमेव जयते
अन्याय कभी ना करना है अन्याय कभी ना सहना है रसूखदार के भी आगे अपनी तर्क को रखना है सत्य के सामने झुकना है असत्य से नहीं मुड़ना है परिणाम चाहे कुछ भी हो पीछे कभी ना हटना है झूठे को सह नहीं देना है झूठे से सदैव ही बचना है लालच की गोद में […]
दोस्ती
आओ दोस्ती का हाथ बढ़ायें दुश्मन को भी गले लगायें दोस्ती की गुलशन को बनायें रंग विरंगी फूलकई फूल खिलायें काला हो या वो हो कोई गोरा अमीरजादा हो या दीन का छोरा सबको मैत्री की पैगाम भेजवायें दुनियाँ में मानवता को जगायें दुःख सुख का वो साथी होगा कृष्ण सुदामा सा मैत्री होगा जो […]
रे खग तेरा सुन्दर जीवन
रे खग तेरा सुन्दर है जीवन वर्षा का माह का जैसा सावन ना किसी से कलह ना द्वेष ना ईष्या ना जलन का लेश उन्मुक्त गगन का तूँ है राजा ना किसी से कोई तकाजा ना धन संचय की कोई चिन्ता ना ठगने की तेरी कोई मनसा सूरज की किरणें संग जग जाता दाना चुगने […]
खुशबू
सबकी बातें मैं सुनता हूँ अपनी मन की करता हूँ अच्छा लगे या लगे बुरा जग के आगे मैं नहीं झुका खुशबू का अपना गुण है वन में जैसे चन्दन है बदबू का नहीं यहाँ है काम महका दो सौरभ से जहान अच्छे मार्ग को अपनाना है कुमार्ग को बाय बाय कर जाना है […]