आत्मकथा – दो नम्बर का आदमी (कड़ी 6)
एच.ए.एल. में मेरे समूह के प्रमुख थे श्री राजीव किशोर। आप यों तो ‘अग्रवाल’ थे, परन्तु जातिवाद में विश्वास नहीं
Read Moreएच.ए.एल. में मेरे समूह के प्रमुख थे श्री राजीव किशोर। आप यों तो ‘अग्रवाल’ थे, परन्तु जातिवाद में विश्वास नहीं
Read Moreएच.ए.एल. में अपनी सेवा प्रारम्भ करने के तीन-चार माह बाद ही मेरी नौकरी खतरे में पड़ गयी। कारण बने ज.ने.वि.
Read Moreकल्पना कीजिये कि दिल्ली विधानसभा के चुनावों में अगर आआपा की हार हो गयी होती और भाजपा को बहुमत मिल
Read Moreफैक्टरी होने के कारण एच.ए.एल. में शिफ्टों में काम होता है। वैसे सभी प्रशासनिक कार्यालय केवल एक शिफ्ट में चलते
Read Moreबिहार की ताज़ा घटनाओं ने अपने सुशासन बाबू के कुर्सी प्रेम को नंगा कर दिया है. आतंकवादी इशरत जहां के
Read Moreअब एच.ए.एल. के बारे में विस्तार से बताना उचित होगा। हिन्दुस्तान ऐरोनाॅटिक्स लि. एक लड़ाकू हवाई जहाज बनाने की सरकारी
Read Moreअपनी आत्मकथा के पहले भाग ‘मुर्गे की तीसरी टाँग उर्फ सुबह का सफर’ में मैं लिख चुका हूँ कि किस
Read Moreप्राक्कथन जड़ चेतन गुन दोषमय विश्व कीन्ह करतार। संत हंस गुन गहहिं पय परिहरि वारि विकार।। सियाराम मय सब जग
Read Moreशाम तीन बजे मुझे पर्सनल विभाग में बुलाया गया था, वहाँ कई औपचारिकताएँ पूरी हो गयीं, लेकिन एक बात पर
Read Moreकुछ दिन पहले से बहुत शोर मच रहा था कि देश में (वह भी देश की राजधानी में) गोडसे का
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