जाग ! जाग ! हे युवा जाग !
जाग ! जाग ! हे युवा जाग !है चिंगारी तुझमें ही आगतू चले तो धरती थर्रायीकोई माप सके ना गहराई
Read Moreजाग ! जाग ! हे युवा जाग !है चिंगारी तुझमें ही आगतू चले तो धरती थर्रायीकोई माप सके ना गहराई
Read Moreहम हैं नयी सदी के रचनाकार हमारा जन्मदिन ज़मीन पर नहीं, आसमान में, करियाती गंधाती नदी में, जल रहे जंगल
Read Moreमेरे पुरखे जानवर के चाम छीलते थे मगर, मैं घास छीलता हूँ मैं दक्खिन टोले का आदमी हूँ मेरे सिर
Read Moreवो इनका है, उनका है, मेरा है, और है आपका, चौदह अप्रैल का दिन है पूरी तरह मेरे बाप का,
Read Moreमैं हिमाचल हूं, हिमालय का सरताज हूं, मैं टूटूंगा नहीं, कितनी भी मुसीबत, आ जाए मुझ पर, मैं झुकूंगा नहीं,
Read Moreवात्सल्य से बड़ा प्रेम नहीं अपत्यस्नेह-सा दूजा कुछ नहीं मातृ रुधिर से बनती संतान कितना पवित्र स्तनपान। संतान के लिए
Read Moreलौट के तो आ गए कदमपर साँसें वही गई है थम।यादों की गठरी को चुन लीजीवन में अब कैसा है
Read Moreपानी की बून्द ने सागर से कहा मुझे जाना होगा छोड़ना होगा तेरा साथ चंद रोज़ की बात है फिर
Read Moreसरकार इस तरह से तो अब हमको रुसवा न करो, मुहब्बत खेल नहीं है, तुम कोई तमाशा न करो, ज़माने
Read Moreऐ मेरे लोकतंत्र तेरा इश्क़ भी कितना अत्याचार करता है.. कभी जात के नाम पर तो कभी रंग के साथ
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