नभाटा ब्लॉग पर मेरे दो वर्ष – 21
मैं कुछ सेकुलर कहे जाने वाले दलों की सरकारों की मुस्लिमपरस्त नीतियों पर व्यंग्य करता रहता था. ऐसा ही एक
Read Moreमैं कुछ सेकुलर कहे जाने वाले दलों की सरकारों की मुस्लिमपरस्त नीतियों पर व्यंग्य करता रहता था. ऐसा ही एक
Read Moreनर्स मेरी पीठ के पीछे दो तकिये रख जाती थी । कुछ दिन बाद सुबह नर्स आई और मुझे मेरी
Read Moreऐमरजैंसी वार्ड में मैं तीन दिन तीन रातें ऐसे ही पड़ा रहा, कोई हिलजुल नहीं थी, खाना तो दूर की
Read Moreफरवरी 2013 में मैंने अपने ब्लॉग पर अपने प्रिय विषय महाभारत पर एक लेख लिखा कि मैं यह जानना चाहता
Read Moreशनिवार का दिन था । मैं सुबह दस बजे कॉलेज के लिए अपने काइनेटिक हौंडा से निकली जैसे ही मैं
Read Moreकुलवंत की इंडिया यात्रा के बाद ज़िन्दगी पहले की तरह चलने लगी। इंडिया रहकर जो जो काम हमने करने चाहे
Read Moreजिस हालात में भी मैं था, मैंने रहना कबूल कर लिया था। वक्त दौड़ा जा रहा था और मैं अपनी
Read Moreबैनमर के कहने के मुताबिक वैस्ट पार्क अस्पताल से मुझे खत आ गया कि स्पीच थेरपी के लिए मैं वहां
Read Moreदो दिन घर रह कर मैं फिर हस्पताल आ गिया। मेरा ब्लड लेने रोज़ ही कोई ना कोई नर्स आ
Read Moreएक तो मैं बार बार गिर पढ़ता था, दुसरे मेरी आवाज़ बदल रही थी। गिरने का तो मुझे इतना धियान
Read More