लघुकथा – पार लेंगे हम
पोथी खोलने के बाद पुरोहित हिचकिचाने लगे। यह तय शादी बेमेल होने जा रही है। कैसे और किसे हम बताएं
Read Moreपोथी खोलने के बाद पुरोहित हिचकिचाने लगे। यह तय शादी बेमेल होने जा रही है। कैसे और किसे हम बताएं
Read More“सुनो जी, ये कच्चे पपीते क्यों ले आये? यहाँ घर में कोई पसंद नहीं करता।
Read Moreबात उन दिनों की है ,जब मेरी शादी हो गई ,और मैं ससुराल गई ,ससुराल में करीब तीन महीने रही
Read More“पता नहीं क्या खींच रहीं आप! कैमरा मुझे दीजिए, आपकी और पापा की एक यादगार फोटो लेनी है। दीजिए…! हाँ,
Read Moreस्कूल के बगल में आर्मी का ट्रांजिट कैंप होने के कारण आते- जाते फौजी वहां रुकते। घर से आते फौजी
Read More“माँ, तुम मेरी चिंता क्यों करती हो?” “क्यों न करूँ,अभी तक न तुम्हारी नौकरी लगी है और न शादी हुई
Read More