मृत्यु का शव
बड़ी देर से पार्क के एक कोने में बैठे उस जोड़े को देखकर उनकी आँखें चमक रही थी। कभी रोम-रोम
Read Moreबड़ी देर से पार्क के एक कोने में बैठे उस जोड़े को देखकर उनकी आँखें चमक रही थी। कभी रोम-रोम
Read Moreवाट्सएप पर सुबह सुप्रभात एवं रात्रि में शुभ रात्रि के सन्देशों से बहुत समय नष्ट हो रहा था एवं इनकी कोई
Read Moreजीवन की दोपहर में पत्नी की मृत्यु से मुझे बुढापे की चिंता होना स्वाभाविक थी। इकलौती सन्तान बेटी के विवाह के
Read More“नहीं, नहीं, नहीं क्षितिज अब और यह सब मुझसे नहीं होगा। अपने आप पर बहुत जुर्म कर लिया मैंने। तुम्हारी
Read More