ममता की परीक्षा ( भाग -4 )
घुटनों में मुंह छिपाए अमर बड़ी देर तक सिसकता रहा । बड़ी देर तक उसके कानों में रजनी की
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Read Moreकहते हैं हीरे की कीमत जौहरी ही आंक सकता है. यह सच भी है. पर सच्चे मन के मोती को
Read Moreहाथ पर चढ़े प्लास्टर को देख कर पिता ने कहा, ” यह पांचवी बार है. तू इतना क्यों सहन करती
Read More“चलो कपड़े पहनते हैं अब इश्क़ पूरा हुआ“ छी….. बस यही रह गया है प्यार-मुहब्बत का पर्याय…. कहते हुये निशा
Read Moreलघु कथा ” आत्माविश्वास ” आज भी सुबह सैर करने निकली तो मन आनंदित तथा ऊर्जावान था। भोर के सूर्योदय
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