लघुकथा – शगुन
त्यौहार पर रंग बिरंगी लाइट सीरीज से सजावट कर शानदार पार्टी चल रही थी, पर अचानक पावर कट से घर
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Read Moreमनीषा केरियर हेतु नौकरी करना चाह रही थी। कमल भी सहमत था। कमल की इच्छा थी कि बच्चों को दादाजी
Read Moreमेरे प्यारे नही नही खड़ूस भईया , मां के दुलारे देखो आप ये पत्र देख नाराज़ नही होना । मां
Read Moreनीलिमा अपने घर में बैठी सोच में डूबी हुई जैसे सारा क़िस्सा अभी हाल में ही हुआ हो।पीछे की ज़िन्दगी
Read Moreसरिता पचास साल पूरे कर चुकी थी आज उसका जन्मदिन था । बालकनी में बैठी अपने जीवन का ऑकलन कर
Read More” माँ ,वीरगति क्या होता है “??? ” वीर जो किसी से डरे नही , अन्याय के खिलाफ लड़े ,
Read Moreहमारे बड़े कह गए हैं- दानों में दान रोशनी का दान. इस बात को महाराष्ट्र के इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिडेट
Read Moreराम प्रसाद उदास थे, दूसरी बार भी लड़की ही हो गई बहूरानी को। पर बहूरानी तो फिर भी पार्टी दे
Read Moreरोहित बाॅस के बेटे के जन्मदिन पर उपहार देने हेतु कोई मंहगी गिफ्ट खरीदने जा रहा था, अचानक घर में
Read Moreछात्रों को तन्मयता से पढ़ाते हुए दिनेश को मालूम ही नहीं पड़ा कि उसके वरिष्ठ शिक्षक दीनदयाल जी कब आ
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