लघुकथा – मजदूर
रामू-कल की मजदूरी बाक़ी है कल मैं आपसे मांगना भूल गया था। मां का इलाज करना है।साहिब दे दो ना मेरी
Read Moreरामू-कल की मजदूरी बाक़ी है कल मैं आपसे मांगना भूल गया था। मां का इलाज करना है।साहिब दे दो ना मेरी
Read More“सुनो मीरा,स्टोर का बाकी सामान तो स्टोर की सफाई करने के बाद वापिस रख देना, लेकिन ये कम्बलों वाले बैग
Read Moreविवाह में मिले हुए उपहार को प्रभा के ससुराल वाले बड़ी उत्सुकता पूर्वक
Read More“हैलो जूलियाना, क्या हाल हैं?” जूलियाना ने ग्रास कटिंग मशीन से घास काटती हुई जूलियाना को देखकर प्रिटिशा ने कहा.
Read More“चलो न माँ हमारे साथ सरगुजा। एक साथ रहेंगे हम सब। मेरी नौकरी ऐसी है कि मैं तुम्हें मिलने बार-बार
Read Moreकैलाश ने अपनी बेटी का विवाह बड़ी धूमधाम से किया।दहेज का आदर्श प्रस्तुत कर दिया।कुछ भी लेन-देन नहीं,समाज व क्षेत्र
Read Moreबरिश्ता कैफे के सामने अचानक मेरे कदम ठिठक गए। यही वो जगह है जहां हम अक्सर रोहन के साथ आया
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