लघुकथा-मानसिकता
पद्मा इन दिनों बहुत परेशान थी। पढ़ाई के साथ साथ साहित्य में अपना अलग मुकाम बनाने का सपना रंग ला
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Read Moreसुगंधा का पशु प्रेम जगजाहिर था। एक दिन उसके पति के साथ रहने वाला उनका दोस्त बोला, “भाभी, जानवरों को
Read More“कैसे हैं तुम्हारे बाबूजी?” माँ की उद्विग्नता साफ झलक रही थी आवाज में। माँ! डॉक्टर ने संभाल लिया है। अब
Read Moreज्यो ही फोन की घंटी बजती है, अंदर से आवाज़ आती है -“माँ सगीना दीदी का फोन आया है “पार्वती
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