विजय और मनोरमा दोनीं पति-पत्नी विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं और लंबे समय से शिमला में ही रहते थे। आजकल अपनी बेटी के पास आए हुए थे और इन दिनों बेटी के परिवार में दामाद और बेटा ही यहां थे। कुछ ही समय पहले मनोरमा के पेसमेकर लगा था और अब सहज महसूस कर रही […]
कहानी
होली के रंग
अमर चौबीस वर्षीय मस्त मौला गबरू जवान है। लंबी कदकाठी व कसरती काया के साथ शहरी रहन सहन का सलीका व शालीन व्यवहार उसकी छवि को और प्रभावशाली बनाते हैं। जो भी उससे कुछ समय बात कर लेता उसकी वाक्पटुता व उसकी समझदारी से प्रभावित हुए बिना नहीं रहता। उसके पिताजी कई साल पहले […]
औरत के संघर्ष की कहानी
यह एक औरत के संघर्ष की कहानी है। किसी भी औरत की कहानी हो सकती है। जन्म से लेकर मरने तक वह हर कदम पर संघर्ष करती रहती है। अपने स्वाभिमान, आज़ादी, हक़ और समाज में समानता के लिए वह अकेली ही संघर्ष करती है। ऐसे ही नारी की कहानी है यह। इस कहानी की […]
कहानी – आत्मरक्षा
दुबली-पतली 22 वर्षीया रेशमा एम.ए. फायनल ईयर की एक होनहार स्टूडेंट थी । पढ़ाई-लिखाई ही नहीं, अच्छे व्यवहार और खूबसूरती में भी वह अपने कॉलेज में नंबर वन थी । कुछ महीने पहले ही उसके पिताजी का लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया था । एक दिन शाम को वह कॉलेज से अपने घर लौट […]
जीवन में सुख कहाँ
नीरज-नीलम को इस छोटे से कस्बे में आए करीब एकाध साल ही हुआ था । यहाँ एक शिवालय में एक समाज सेवी धार्मिक संगठन ने नीरज को पुजारी रख लिया। पाठ-पूजा से पंडित नीरज का गुजारा बढ़िया चलने लगा । सोमवार शिव भगवान का विशेष दिन होता है और साथ ही महीने में संक्रान्ति, बस […]
दहेज प्रथा
अन्तरकाॅलेज वाद-विवाद प्रतियोगिता में अन्य काॅलेज के वक्ताओं के बाद बारी आई हमारे ही काॅलेज के मेधावी छात्र जीवन की । उसने भी ” दहेज प्रथा ” शीर्षक पर अपने विचार व्यक्त किए। उसने कहा, ” इसमें कोई संदेह नहीं कि दहेज माँगना और देना निन्दनीय काम है । जब वर और कन्या दोनों की […]
कहानी- अन्तिम निर्णय
पवन के पास नीता का फिर फोन आया। वह पूछ रही थी- “तुमने क्या निर्णय किया है?” सदा की तरह पवन आज भी यही कह पाया- “विचार कर रहा हूँ।” और फोन काट दिया। पवन एक स्थानीय कम्पनी के लिए अपने घर से ही वेबडिजायनर का कार्य करता था और अपने लिए अच्छी आय कर […]
अम्मा
“अम्मा! पहचानूँ हमइ?” “अरे बिटिया भला तोहइं न पहिचानब!” यह कहकर उन्होंने नाम लेकर बताया कि वह कौन है। पिचासी वर्ष से कुछ अधिक ही आयु होगी इन वृद्धा की, जो अभी-अभी व्हील चेयर से यहाँ आई हैं। आज उनके पौत्र का व्रतबंध संस्कार कार्यक्रम है। उनके चेहरे की झुर्रियां और सिर के सफेद बाल […]
वह नीम का पेड़
वह नीम का पेड़ बारिश रूकी ही थी कि मैं फिर उसी नीम के पेड़ के पास आकर खड़ा हो गया।इस उम्मीद में कि शायद इस बार तो कोंपले फूट ही आएंगी।यह क्रम रोजाना का ही तो था,पूरे बारह महीने…लेकिन वह ठूंठ ही बनकर रह गया था।तीन साल भी तो हो गए थे किन्तु उसपर […]
एक बोझा धान
चम्पा देवी दोपहर को थाली में भात लेकर खाने के वास्ते आँगन निकलती है। थाली में भात कम मांड़ ज्यादा है। मांड़ में दो हरी मिर्च मछली की भाँति तैर रही है। आँगन के धूप में बैठकर सबसे पहले मिर्च को दाँत से कुतरती है। फिर थाली उठाकर मांड़ घट-घट पी जाती है। फिर मिर्च […]