कहानी – तुम मुझसे झूठ तो नहीं बोल रहे?
घर की बालकनी की खिड़की खोली बाहर का दृश्य देख मुंह से निकल पड़ा – देखो चीकू के पापा कितना
Read Moreघर की बालकनी की खिड़की खोली बाहर का दृश्य देख मुंह से निकल पड़ा – देखो चीकू के पापा कितना
Read Moreदिल भी टूटा था दोनों का, मालूम तुमको भी था, और मालूम हमको भी था तुमने भी कुछ खोया था
Read Moreशबाना का शौहर अब्बास जब से बेरोजगार हुआ था मोहल्ले के लम्पट बदमाशों से उसकी दोस्ती गहरी हो गयी थी
Read Moreजून की चिलचिलाती धूप में सुधा अभी घर के बाहर पहुँची ही थी कि उसे घर के अंदर से कुछ
Read Moreचंदू : माँ ज़ोरों की भूख लगी है कितनी देर लगेगी और ? बिंदिया : बस बेटा पांच मिनट आटा
Read Moreउसने कुल पंद्रह बसंत ही देखे थे कि पति ने परस्त्री के प्रेम – जाल में फँस कर उसे त्याग
Read More‘अनवर भाईजान फ़ौरन आओ!’ रात १० बजे अनवर को अपने दोस्त असलम की बीवी सलमा की घबराई सी आवाज फोन
Read Moreअनीता जल्दी जल्दी यूनिवर्सिटी के लिए तैयार हो रही थी कि अचानक मां ने अनीता के हाथ में दूध का
Read Moreअरे छाया! तुम यहाँ? “हाँ ज्योति, मेरा विवाह इसी शहर में हुआ है लेकिन तुम…? “मेरा भी, छाया…”, ज्योति हँसकर
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